दिल्ली लगातार वायु प्रदूषण की चपेट में है बीतते दिनों के साथ हवा गुणवत्ता का स्तर गिरता ही जा रहा है। ऐसे में मौसम विभाग ने एक राहत की खबर दी,मौसम विभाग के मुताबिक वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की वजह से जल्द ही दिल्ली-एनसीआर हवा की गति तेज होने के साथ हल्की बारिश भी हो सकती है। जिसके चलते प्रदूषण के स्तर में कमी आने की सम्भावना जताई जा रही है।केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में घनी धुंध या 'स्मॉग' का असर जारी है, बुधवार को हवा की गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में रही। सीपीसीबी द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक आनंद विहार में (एक्यूआई) 452 पर दर्ज किया गया, जबकि पंजाबी बाग, अरबिंदो मार्ग और शादीपुर,में क्रमश: 460, 382 और 413 एक्यूआई के साथ 'गंभीर' स्तर पर बनी हुई है।
प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने दिया सख्त निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने बीते मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में खतरनाक वायु गुणवत्ता पर निर्देश दिया कि किसानों को पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पराली जलाना तुरंत बंद कर देना चाहिए, क्योंकि यह वायु प्रदूषण के प्रमुख कारकों में से एक है। शीर्ष अदालत ने सरकार को स्मॉग टावरों को फौरन ठीक करने और वाहनों के सम-विषम जैसी योजनाओं को सख्ती से लागू करने का निर्देश भी दिया है।
बता दें कि दिल्ली में सर्दियों के दौरान वायु प्रदूषण का स्तर कई कारणों से अधिक हो जाता है, जिसमें धूल और वाहन प्रदूषण, शुष्क-ठंडा मौसम, पराली जलाना शामिल है।
डॉक्टरों के मुताबिक किसी भी स्वस्थ व्यक्ति के लिए अनुशंसित AQI 50 से कम होना चाहिए, लेकिन इन दिनों AQI 400 से भी अधिक हो गया है, जो फेफड़ों से संबंधित बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।
वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार द्वारा उठाये गये कदम
दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए कई कदम उठायें हैं, जिसमें 10 नवंबर तक सभी प्राथमिक स्कूलों को बंद करने के साथ GRAP-4 को किया गया है। इसके अंतर्गत 8-सूत्रीय कार्य योजना लागू करने का प्रावधान है, जिसमें दिल्ली में ट्रक यातायात के प्रवेश पर प्रतिबंध (आवश्यक वस्तुओं एवं सेवाओं को प्रदान करने वाले ट्रकों को छोड़कर) सभी एलएनजी ,सीएनजी, इलेक्ट्रिक ट्रकों को छोड़कर, दिल्ली में पंजीकृत डीजल चालित मध्यम माल वाहन (एमजीवी) और भारी माल वाहनों पर (एचजीवी) के प्रतिबंध लगाया है। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार ने अगले आदेश तक 50% सरकारी कर्मचारियों के लिए 'घर से काम' नीति की भी घोषणा की है।