दिव्यांग जनों के सशक्तिकरण और कौशल विकास को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग ने भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र कौशल परिषद् (ईएसएससीआई) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है। इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की नौकरियों में दिव्यांग जनों को विशेष प्रकार के कौशल से लैस करने के लिए दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के सचिव राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में एमओयू पर बीते शुक्रवार को यह सहमति बनी।
दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के मुताबिक यह समझौता उद्योग की मांगों के मुताबिक व्यावसायिक प्रशिक्षण के माध्यम से मानव संसाधन विकसित करने के लिए एक सकारात्मक कदम उठाया गया। ईएसएससीआई की विशेषज्ञता का लाभ उठाकर दिव्यांग जनों की स्थायी आजीविका के लिए मार्ग बनाना और विश्वस्तर पर उनके प्रतिस्पर्धी कार्यबल को बढ़ावा देना है।
प्रशिशुक्षिओं के लिए निर्बाध रूप से प्लेसमेंट की व्यवस्था
एमओयू की शर्तों के तहत भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र कौशल परिषद और राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद् (एनसीवीईटी) पाठ्यक्रम मानकों के अनुसार दिव्यांगों को व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके अलावा भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र कौशल परिषद प्रशिक्षुओं के लिए निर्बाध प्लेसमेंट अवसर सुनिश्चित करने के लिए संभावित नियोक्ताओं और औद्योगिक नेटवर्क के साथ जुड़ाव की सुविधा प्रदान करेगा। महत्वपूर्ण बात यह है कि प्लेसमेंट न्यूनतम वेतन अधिनियम और उद्योग बेंचमार्क के अनुसार मासिक वेतन की गारंटी प्रदान करेगा।
इसके अलावा भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र कौशल परिषद प्लेसमेंट के बाद कम से कम तीन महीने के लिए परामर्श और ट्रैकिंग सेवाएं प्रदान करके पोस्ट-प्लेसमेंट के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को बरकरार रखेगा, जिससे कार्यबल के भीतर दिव्यांगों की निरंतर सफलता और एकीकरण सुनिश्चित हो सके। यह सहयोग भागीदारी और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में दिव्यांगों के लिए एक सक्षम वातावरण बनाने के लिए दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग और भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र कौशल परिषद की प्रतिबद्धता को प्रकट करता है।