पीएम किसान सम्मान निधि दुनिया की सबसे बड़ी योजना है जिसमें सीधे किसानों के बैंक खाते में धनराशि ट्रांसफर की जाती है। केंद्र की मौजूदा सरकार किसानों के दर्द और जरूरतों को समझती है। सरकार किसानों के खर्चे कम करने और जरूरत के समय उनका समर्थन करने के लिए पूरी गंभीरता से काम कर रही है। पिछले 9 वर्षों में बीज से बाजार तक नई व्यवस्था का निर्माण किया गया हैं। पीएम-किसान योजना फरवरी 2019 में शुरू की गई थी। पश्चिम बंगाल राज्य 8वीं किस्त (अप्रैल-जुलाई, 2021) से इस योजना में शामिल हुआ।
केंद्रीय क्षेत्र की योजना
किसान अपने सामर्थ्य और परिश्रम से, मिट्टी से भी सोना निकाल देते हैं इसलिए सरकार किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। केंद्र सरकार चाहती हैं कि किसानों की आमदनी बढ़नी ही चाहिए। इसके लिए किसानों, वैज्ञानिकों, बैंकों का आह्वान किया गया। सरकार ने किसानों की आय में सालाना 6 हजार रुपये जोड़ने के लिए पीएम किसान योजना का सृजन किया। अब तक इस योजना से देशभर के 11 करोड़ किसानों के खातों में 2.42 लाख करोड़ रु. से अधिक की राशि बिना किसी बिचौलियों के जमा कराई जा चुकी है। यह पूरी की पूरी राशि सीधे किसानों के खाते में जाती है। अब कहीं कोई बिचौलिया नहीं हैं। किसानों के जीवन में बदलाव लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा प्रयास किया है। पिछले 9 वर्षों में ऐसा कोई माह नहीं गया होगा, जब उन्होंने किसानों के कल्याण के लिए कोई कदम न उठाया हो।
कौन हैं योजना के पात्र ?
पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत सभी किसान परिवारों को ₹6000/ – प्रति वर्ष की आय सहायता प्रदान की जाती हैं। किसान के परिवार की परिभाषा में पति, पत्नी और नाबालिग बच्चे हैं। राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेश का प्रशासन उन किसान परिवारों की पहचान करता है, जो योजना के दिशानिर्देशों के अनुसार समर्थन के पात्र होते हैं। फंड सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में स्थानांतरित किया जाता हैं।
लाभार्थियों को मिला लाभ
बता दे की, विगत 27 जुलाई 2023 को देश के किसानों की आय सहायता के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना की 14वीं किस्त से सीकर के 2 लाख व राजस्थान के 57 लाख किसानों के खाते में 1278 करोड़ रुपये जमा किए गए। राजस्थान के किसानों को इस योजना के अंतर्गत अब तक 17 हजार करोड़ रु. से अधिक की राशि मिल चुकी है। इसी तरह, मध्य प्रदेश के 76 लाख व छत्तीसगढ़ के 20 लाख किसानों को स्कीम का लाभ मिल रहा है। पिछले वित्तीय वर्ष यानी 2022-23 में कुल राशि रु. पात्र लाभार्थियों को 58,201.85 करोड़ प्राप्त हो चुके हैं।