प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को नई दिल्ली में वीर बाल दिवस को संबोधित करते हुए सभी धर्मगुरुओं और सामाजिक संगठनों से मादक पदार्थों के खतरे के खिलाफ जन-आंदोलन शुरू करने का आग्रह किया। नरेंद्र मोदी ने समाज में नशीली दवाओं के खतरे के बारे में कहा कि राष्ट्र और समाज को एक साथ मिल कर इससे निपटना चाहिए। उन्होंने कहा कि सक्षम और मजबूत युवा शक्ति के लिए सबका प्रयास जरूरी है। गुरुओं द्वारा दी गई 'सबका प्रयास' की शिक्षा ही भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाएगी।
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने युवाओं को अपने स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की सलाह दी क्योंकि यह जीवन में वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने युवाओं को अपने लिए कुछ बुनियादी नियम बनाने तथा उनका दृढ़ता से पालन करने का सुझाव दिया। भारत को युवा शक्ति बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी की लड़ाई के दौरान देश में इतने युवा नहीं थे। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले 25 साल युवाओं के लिए नए और बड़े अवसर लेकर आ रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज के युवाओं के सपनों को पूरा करने के लिए सरकार के पास स्पष्ट कार्यक्रम, दृष्टिकोण और नीति है। उन्होंने कहा कि चाहे वह अर्थशास्त्र हो, विज्ञान हो, अनुसंधान हो, खेल हो या नीतियां, हर मोर्चे पर भारत नई ऊंचाइयां हासिल करने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि पहला वीर बाल दिवस पिछले साल 26 दिसंबर को मनाया गया था। वीर बाल दिवस देश की सुरक्षा के लिए कुछ भी करने के संकल्प का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री ने पूर्वजों के बलिदान की सराहना करते हुए कहा कि जब-जब भारतीयों पर अत्याचार और अन्याय हुआ, तब-तब लोगों ने स्वाभिमान के साथ अत्याचारियों से मुकाबला किया। उन्होंने कहा कि देश के हर आयु वर्ग के पूर्वजों ने मातृभूमि के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। पीएम ने बताया कि पहले दुनिया हमें तवज्जो नहीं देती थी। उन्होंने कहा, अब जब हम अपनी विरासत पर गर्व करते हैं तो दुनिया का नजरिया भी बदल गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज पूरी दुनिया भारत को अवसरों की भूमि के रूप में स्वीकार कर रही है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत अर्थव्यवस्था, विज्ञान, अनुसंधान, खेल और कूटनीति की वैश्विक समस्याओं को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।