समुद्री सुरक्षा में सख्ती बरतते हुए भारतीय नौसेना ने अरब सागर और अदन की खाड़ी में समुद्री डकैती और ड्रोन अभियानों को नियंत्रित करने के लिए छह युद्धपोत तैनात कर दिए हैं। भारतीय नौसेना के प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने बताया कि यह तैनाती समुद्री क्षेत्र में उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए एक व्यापक रणनीति हिस्से के रूप में किया गया है। नौसेना प्रमुख ने समुद्री युद्धपोतों की संख्या में बढ़ोतरी की आशा जताई है,जिसका प्रस्ताव सरकार को पहले ही भेजा जा चुका है।
अत्याधुनिक उपकरणों लैस हैं समुद्री युद्धपोतें
एडमिरल हरि कुमार ने बताया कि कुछ युद्धपोतों पर जीपीएस जैमर,सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली और लेजर जैसे अत्याधुनिक उपकरणों से लैस है। एडमिरल ने कहा कि नौसेना ड्रोन रोधी क्षमताओं से अच्छी तरह सुसज्जित है। एडमिरल हरि कुमार ने हाल ही में सफल ऑपरेशन जिसमें सोमालिया तट से अपहृत जहाज एमवी लीला नोरफोक से 15 भारतीयों को बचाने के नौसेना के अभियान का जिक्र किया। उन्होंने संकट में फंसे नागरिकों को वापस लाने के लिए नौसेना के समर्पण को जाहिर करते हुए कहा कि नौसेना की त्वरित प्रतिक्रिया और निकासी प्रयासों के परिणामस्वरूप 15 भारतीय नागरिकों सहित सभी 21 चालक दल के सदस्यों को सुरक्षित बचा लिया गया।
समुद्री डकैती को रोकने के लिए नौसेना अधिकारियों को जारी किए निर्देश
एडमिरल हरि कुमार ने हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री डकैती को रोकने के लिए नौसेना की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए कहा कि समुद्री डकैती के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने के लिए नौसेना अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने भारत सरकार द्वारा पारित हाल ही में लागू समुद्री डकैती रोधी अधिनियम को समुद्री डकैती से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए नौसेना को सशक्त बनाने वाला एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि अभी भी दुनिया में बहुत कम देशों के पास इस तरह का कानून है।
अपहृत जहाज एमवी लीला नॉरफाॅक पर समुद्री कमांडो द्वारा किए गए अभियान के बारे में जानकारी साझा की नौसेना प्रमुख ने बताया कि भारतीय नौसेना के विमानों और ड्रोनों को देखकर समुद्री डाकुओं ने जहाज छोड़कर भाग गये। समुद्री सुरक्षा अभियानों के लिए तैनात समुद्री गश्ती विमान(एमपीए) आईएनएस चेन्नई ने लाइबेरिया-ध्वजांकित थोक वाहक की सहायता में महत्वपूर्ण भूमिका रही। इस ऑपरेशन ने नौसेना की तीव्र प्रतिक्रिया क्षमताओं और समुद्री व्यापार मार्गों की सुरक्षा बनाए रखने की प्रतिबद्धता को जाहिर करता है।


