नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप के बाद भारत ने एक बार फिर एक आदर्श पड़ोसी धर्म निभाया है। भारत ने संकट के समय नेपाल के लिए विभिन्न प्रकार की राहत सामग्री भेजी है जिसमे में तंबू, कंबल, तिरपाल के साथ-साथ आवश्यक दवाईयां और चिकित्सा उपकरण शामिल हैं। पीएम मोदी ने भूकंप प्रभावितों की हर संभव मदद की प्रतिबद्धता व्यक्त की थी। आने वाले दिनों में भारत और राहत सामग्री भेजेगा।
भूकंप से नेपाल में तबाही
दरअसल 3 नवंबर को नेपाल में शुक्रवार आधीरात से ठीक पहले आए 6.4 तीव्रता वाले भूकंप के तेज झटकों के कारण सुदूर पर्वतीय क्षेत्र के जाजरकोट और रूकुम पश्चिम जिले में भारी तबाही हुई है। नेपाल के जाजरकोट और रूकुम पश्चिम के भूकंप प्रभावित लोगों की मदद के लिए भारत सरकार ने 11 टन सामान भेजा है। राहत सामग्री लेकर भारतीय वायुसेना का विशेष विमान रविवार को नेपालगंज विमानस्थल पर पहुंचा।
आवश्यक राहत सामग्रियों की पहली खेप पहुंची नेपाल
भारत सरकार की तरफ से भेजी गई राहत सामग्री नेपाल में भारतीय राजदूत नवीन श्रीवास्तव ने उपप्रधानमंत्री पूर्ण बहादुर खड़का को सौंपी। राहत सामग्री ग्रहण करते हुए खड़का ने भारत सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि संकट के समय भारत की तरफ से भेजी गई यह राहत सामग्री भूकंप पीड़ितों के लिए काफी मददगार साबित होगी। वहीं भारतीय राजदूत नवीन श्रीवास्तव ने कहा कि आज भारत की तरफ से आवश्यक राहत सामग्रियों की पहली खेप आई है। 11 टन से अधिक की सामग्री में टेंट, दवाईयों के अलावा दैनिक उपयोग की वस्तुएं हैं। भारतीय राजदूत ने कहा कि कल दूसरी खेप आएगी, जिसमें खाद्य सामग्री और अन्य वस्तुएं होंगी।
भूकंप से नेपाल के सात जिले बुरी तरह प्रभावित
गौरतलब हो कि भूकंप से सात जिला प्रभावित हुए हैं। सबसे अधिक नुकसान जाजरकोट और रूकुम पश्चिम जिले में हुआ है। इनमें रूकुम पश्चिम जिले के आठबिसकोट नगर पालिका क्षेत्र में भारी तबाही हुई है। घर मिट्टी में मिल गए हैं। नेपाली गृहमंत्री नारायणकाजी श्रेष्ठ ने विपदा व्यवस्थापन समिति की बैठक के बाद कहा कि मृतकों के आश्रितों को 2-2 लाख रुपये, ध्वस्त घरों की भरपाई के लिए प्रत्येक परिवार को तीन लाख रुपये दिए जाएंगे। फौरी तौर पर सभी पीड़ित परिवारों को 50-50 हजार रुपये प्रदान किए जाएंगे।