प्रतिक्रिया | Saturday, July 27, 2024

07/03/24 | 4:13 pm

लोकल करेंसी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए आरबीआई और बैंक इंडोनेशिया ने एमओयू पर किए हस्ताक्षर

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI)) और बैंक इंडोनेशिया (BI) ने आज (गुरुवार) द्विपक्षीय व्यापार में स्थानीय मुद्रा (लोकल करेंसी) के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इससे निर्यातकों और आयातकों को संबंधित घरेलू मुद्राओं में बिल और भुगतान करने में सहूलियत होगी।

स्थानीय मुद्रा के इस्तेमाल को बढ़ावा 

रिजर्व बैंक ने आज (7 मार्च) जारी एक बयान में बताया कि आरबीआई और बैंक इंडोनेशिया ने स्थानीय मुद्रा के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। आरबीआई के मुताबिक इस समझौता ज्ञापन पर रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास और बैंक इंडोनेशिया के गवर्नर पेरी वारजियो ने हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते के तहत सीमा पार लेन-देन के लिए भारतीय मुद्रा रुपया और इंडोनेशियाई रुपिया (आईडीआर) के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की व्यवस्था बनाई जाएगी।

निर्यातकों और आयातकों को घरेलू मुद्राओं में बिल और भुगतान करने में मिलेगी सुविधा 

आरबीआई के मुताबिक इससे निर्यातकों और आयातकों को संबंधित घरेलू मुद्राओं में बिल और भुगतान करने में सुविधा मिलेगी। आरबीआई ने कहा कि स्थानीय मुद्राओं के उपयोग से लेनदेन की लागत और निपटान समय कम होगा। रिजर्व बैंक ने कहा कि इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर का उद्देश्य द्विपक्षीय रूप से रुपया और रुपिया के उपयोग को बढ़ावा देना है।

भारत और इंडोनेशिया के बीच संबंध होंगे मजबूत

रिजर्व बैंक ने कहा कि यह सहयोग आरबीआई और बीआई के बीच द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इस द्विपक्षीय लेन-देन में स्थानीय मुद्राओं का उपयोग अंततः भारत और इंडोनेशिया के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के साथ-साथ वित्तीय एकीकरण को और गहरा करने और भारत और इंडोनेशिया के बीच लंबे ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत करने में योगदान देगा।
 

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आखरी अपडेट: 27th Jul 2024