प्रतिक्रिया | Saturday, July 27, 2024

01/12/23 | 11:43 am

वायु सेना को मिलेगी भारी ताकत,  97 LCA तेजस और 156 प्रचंड हेलीकॉप्टर की खरीद को मिली मंजूरी

केंद्र सरकार ने लम्बे इंतजार के बाद गुरुवार को वायु सेना के लिए 97 हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस एमके-1ए और 156 लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (एलसीएच) प्रचंड खरीदने को मंजूरी दे दी। इसके अलावा नौसेना के लिए मध्यम दूरी की एंटी-शिप मिसाइलों को मंजूरी दी गई है। साथ ही साथ सेना के लिए टोड आर्टिलरी गन सिस्टम की खरीद को भी सरकार से मंजूरी मिल गई है। 

तीनों सेनाओं के लिए मंजूर किए 2.23 लाख करोड़ रुपये

रक्षा क्षेत्र में 'आत्मनिर्भरता' को बढ़ावा देने के लिए 98 फीसदी हथियार घरेलू उद्योगों से खरीदे जाएंगे। इस संबंध में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) की बैठक में 2.23 लाख करोड़ रुपये के विभिन्न पूंजीगत अधिग्रहण प्रस्तावों के लिए आवश्यकता की स्वीकृति (एओएन) के संबंध में मंजूरी दी गई। इसमें 2.20 लाख करोड़ रुपये के हथियार घरेलू उद्योगों से खरीदे जाएंगे, जो कुल मंजूरी का 98 फीसदी हिस्सा है। इससे भारतीय रक्षा उद्योग को 'आत्मनिर्भरता' के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में पर्याप्त बढ़ावा मिलेगा। 

सेना के लिए दो प्रकार के एंटी-टैंक युद्ध खरीदने को मंजूरी

डीएसी सेना के लिए दो प्रकार के एंटी-टैंक युद्ध, एरिया डेनियल म्यूनिशन (एडीएम) टाइप-2 और टाइप-3 की खरीद के लिए एओएन को मंजूरी दे दी है, जो टैंक और बख्तरबंद को बेअसर करने में सक्षम हैं। अपनी सेवा अवधि पूरी कर चुकी इंडियन फील्ड गन (आईएफजी) को बदलने के लिए अत्याधुनिक टोड गन सिस्टम (टीजीएस) की खरीद के लिए एओएन दिया गया है, जो भारतीय सेना के तोपखाने का मुख्य आधार बन जाएगा। इसके अलावा 155 मिमी आर्टिलरी गन में उपयोग के लिए 155 मिमी नबलेस प्रोजेक्टाइल के लिए भी मंजूरी दी गई है, जो प्रोजेक्टाइल की घातकता और सुरक्षा को बढ़ाएगी। 

नौसेना के लिए मध्यम दूरी की एंटी-शिप मिसाइलें खरीदने को मिली मंजूरी 

इसके अलावा नौसेना के लिए टी-90 टैंकों, स्वचालित लक्ष्य ट्रैकर (एटीटी) और डिजिटल बेसाल्टिक कंप्यूटर (डीबीसी) की खरीद और एकीकरण के लिए एओएन भी प्रदान किया गया है, जो प्रतिद्वंद्वी प्लेटफार्मों पर टी-90 टैंकों की लड़ाकू बढ़त बनाए रखने में मदद करेगा। भारतीय नौसेना के सतह प्लेटफॉर्म के लिए मध्यम दूरी की एंटी-शिप मिसाइलों (एमआरएएसएचएम) की खरीद के लिए एओएन भी प्रदान किया गया है। इसकी परिकल्पना एक हल्के सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल के रूप में की गई है, जो भारतीय नौसेना के जहाजों पर एक प्राथमिक आक्रामक हथियार होगा।

डीएसी ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से भारतीय वायु सेना और भारतीय सेना के लिए लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर प्रचंड और वायु सेना के लिए लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस एमके-1ए की खरीद के लिए खरीद मंजूरी मिल गई है। इसके अलावा एचएएल से स्वदेशी तौर पर सुखोई-30 एमकेआई विमान को अपग्रेड करने के लिए डीएसी ने एओएन दिया है। इन उपकरणों की खरीद से भारतीय वायुसेना को भारी ताकत मिलेगी और घरेलू रक्षा उद्योगों से अधिग्रहण स्वदेशी क्षमता को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगा। इससे विदेशी मूल उपकरण निर्माताओं पर निर्भरता भी काफी हद तक कम हो जाएगी।

पीएम मोदी ने हाल ही में एचएएल की इकाइयों का किया था दौरा 

याद हो, हाल ही में पीएम मोदी ने बेंगलुरु में एचएएल की इकाइयों का दौरा किया था। उसके बाद रक्षा मंत्रालय का यह फैसला आया है। बताना चाहेंगे स्वदेशी रूप से विकसित एलसीए तेजस विमान की क्षमताओं और एचएएल में उपलब्ध उत्पादन सुविधाओं की सराहना स्वयं पीएम मोदी भी कर चुके हैं।

लड़ाकू विमान का उत्पादन का काम प्रगति पर

यहां पीएम मोदी को एलसीए एमके1ए कार्यक्रम की प्रगति के बारे में भी जानकारी दी गई। एचएएल में 83 एमके1ए ऑर्डर के साथ-साथ इसके डिजाइन और विकास के अनुरूप लड़ाकू विमान का उत्पादन का काम प्रगति पर है। एईएसए रडार, बीवीआर मिसाइल क्षमता, ईडब्ल्यू सूट, एडवांस एवियोनिक्स जैसी क्षमताओं और रखरखाव में सुधार के साथ एमके1ए वेरिएंट अधिक घातक विमान होगा। आईएएफ को फरवरी 2024 से एमके1ए विमानों की डिलीवरी शुरू होने की योजना है। इस दौरान प्रधानमंत्री को लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (एलसीएच) प्रचंड, एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर-डब्ल्यूएसआई रुद्र और लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर जैसे विभिन्न स्वदेशी हेलीकॉप्टर भी दिखाए गए।प्रचंड की युद्ध और प्रदर्शन क्षमता  

एचएएल ने प्रधानमंत्री को लेह/लद्दाख और पूर्वी हिमालयी क्षेत्रों में ज्यादा ऊंचाई वाले इलाकों में तैनाती पर जोर देने के साथ प्रचंड की युद्ध और प्रदर्शन क्षमताओं के बारे में जानकारी दी। यह बताया गया कि यह हेलीकॉप्टर छह किलोमीटर की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। उन्हें यह भी बताया गया कि एलसीएच को पहले ही सेना और भारतीय वायुसेना के साथ तैनात किया जा चुका है और राष्ट्र की रक्षा तैयारियों और आत्मनिर्भरता की दिशा में उसके प्रयासों को बढ़ाने के लिए रक्षा बलों को अतिरिक्त 156 प्रचंड हेलीकॉप्टरों की आवश्यकता है। इसी को अब रक्षा मंत्री द्वारा मंजूरी दे दी गई है। 

उल्लेखनीय है कि आने वाले समय में देश के एयरो इंजन क्षेत्र में अनेक संभावनाएं हैं।प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण से देश के एयरो इंजन क्षेत्र में वर्तमान में मौजूद प्रौद्योगिकी अंतर में कमी आने की संभावना है। उदाहरण स्वरूप एलसीए तेजस विमान वर्तमान में जीई 404 इंजन से संचालित है जिसे एलसीए एम II के लिए जीई414 इंजन में अपग्रेड किया जाना है। इसे जीई इंजन के साथ 80 प्रतिशत प्रौद्योगिकी हस्तांतरण व्यवस्था के साथ भारत में निर्मित किया जाएगा, जिसके लिए जीई इंजन्स के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी किए जा चुके हैं। ऐसा पहली बार होगा कि इस श्रेणी के इंजन का उत्पादन 80 प्रतिशत प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के साथ भारत में किया जाएगा। प्रौद्योगिकी के इस हस्तांतरण से देश के एयरो इंजन क्षेत्र में वर्तमान में मौजूद प्रौद्योगिकी अंतर में कमी आने की संभावना है।

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आखरी अपडेट: 27th Jul 2024