भारत विविधताओं से भरा देश है, लेकिन यहां इतनी विविधता के बाद भी हर कदम पर एकता देखने को मिलती है। वैसे तो देश के अलग-अलग राज्यों में बोली, खान-पास और पहनावा में भिन्नता देखने को मिलती है। सबसे खास बात कि किसी के पहनावे से हम बता सकते हैं व्यक्ति किस राज्य से संबंधित है। लेकिन एक चीज जो कॉमन है वो है साड़ी। साड़ी एक ऐसा पहनावा है जो देश के हर राज्य की महिलाएं पहनती हैं। ऐसे में भारत में हथकरघा साड़ी परंपरा को बढ़ावा देने के लिए महिलाओं की भागीदारी के साथ साड़ी वॉकथॉन का आयोजन किया जा रहा है।
अलग-अलग हिस्सों से महिलाएं लेंगी हिस्सा
सांस्कृतिक विविधता और सशक्तिकरण के इस उत्सव में देशभर से लगभग 10,000 महिलाओं के अपनी विशिष्ट पारंपरिक पोशाक में कार्यक्रम में शामिल होने की उम्मीद है। इस शानदार कार्यक्रम में न केवल ऊर्जावान महिलाएं, बल्कि मशहूर हस्तियां, प्रभावशाली लोग, फैशन डिजाइनर और आंगनवाड़ी सेवक जैसे विभिन्न क्षेत्रों के उल्लेखनीय लोग भी भाग लेंगे। सरकार के वस्त्र मंत्रालय द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं में फिटनेस के बारे में जागरूकता पैदा करना और उन्हें स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित करना है। इस वॉकथॉन में देशभर से महिलाएं अपने पारंपरिक अंदाज में साड़ी पहनकर हिस्सा लेंगी।
ई-रजिस्ट्रेशन के लिए पोर्टल लॉन्च
इस बारे में केंद्रीय वस्त्र राज्य मंत्री दर्शना जरदोश ने साड़ी वॉकथॉन के लिए ई-पंजीकरण पोर्टल लॉन्च किया। विभिन्न राज्यों की साड़ी शैलियों को प्रदर्शित करते हुए और इस प्रकार भारत को 'विविधता में एकता' वाले देश के रूप में चित्रित करते हुए, वॉकथॉन 10 दिसंबर को मुंबई के एमएमआरडीए मैदान में आयोजित किया जाएगा। प्रतिभागी इस वेबसाइट के माध्यम से साड़ी वॉकथॉन के लिए नामांकन कर सकते हैं जिसमें पंजीकरण ओटीपी आधारित होगा। केंद्रीय मंत्री जरदोश पोर्टल पर खुद को पंजीकृत करने वाली पहली महिला बनीं।
पहला साड़ी वॉकथॉन सूरत में हुआ था आयोजित
बता दें कि पहला साड़ी वॉकथॉन सूरत में आयोजित किया गया था, जहां पारंपरिक वस्त्रों की भावना को बढ़ावा देने और स्थानीय स्तर पर बने सामानों की अवधारणा का समर्थन करने के उद्देश्य से विभिन्न प्रकार की साड़ियां पहनकर 15,000 से अधिक महिलाओं ने फिटनेस के लिए वॉक किया था।
सूरत में साड़ी वॉकथॉन की सफलता के बाद, भारत की वित्तीय राजधानी मुंबई देश की अब तक की सबसे बड़ी साड़ी वॉकथॉन की मेजबानी के लिए तैयार है।
साड़ी वॉकथॉन के साथ-साथ ये होंगी गतिविधियों :
–29 नवंबर से 13 दिसंबर 2023
प्रदर्शनी-सह-बिक्री – “गांधी शिल्प बाज़ार – राष्ट्रीय” जिसमें हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों के 250 स्टॉल हैं, जिनमें साड़ियों की विभिन्न किस्मों के 75 स्टॉल शामिल हैं।
देश भर से आ रहे हैं प्रतिभागी।
लाइव करघा एवं शिल्प प्रदर्शन कार्यक्रम।
–साड़ी वॉकथॉन (10 दिसंबर 2023)
दूरी – लगभग. 2 कि.मी.
समय- प्रातः 8:00 बजे
–कार्यशाला (10 एवं 11 दिसंबर 2023)
साड़ी रैपिंग, परिसंचरण एवं स्थिरता, प्राकृतिक रंगाई आदि।