उत्तराखंड के उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए अभी भी रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। इसे लेकर पीएम मोदी भी सिल्क्यारा के पास टनल में फंसे श्रमिकों को लेकर चिंतित हैं। उनका कार्यालय भी बचाव अभियान पर नजर रख रहा है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से प्रधानमंत्री तीन बार बातचीत कर राहत और बचाव कार्य की प्रगति की जानकारी ले चुके हैं।
इंटरनेशनल एक्सपर्ट ने बौखनाग देवता के आगे झुकाए शीश
वहीं इंटरनेशनल टनलिंग अंडरग्राउंड स्पेस प्रोफेसर के अध्यक्ष अर्नोल्ड डिक्स सिल्क्यारा सुरंग में पहुंचे, जहां फंसे हुए पीड़ितों को बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान चल रहा है। उन्होंने उन्होंने सुरंग के मुख्य द्वार पर बने एक मंदिर में पूजा-अर्चना भी की। दरअसल, इस हादसे निपटने को तकनीक के साथ आस्था का भी सहारा लिया जा रहा है। सुरंग के बाहर बौखनाग देवता का मंदिर स्थापित किया गया है।
मेडिकल टीम भी टनल के पास तैनात
वहीं पीएम मोदी ने कहा है कि केंद्र सरकार आवश्यक बचाव उपकरण और संसाधन उपलब्ध करा रही। केंद्रीय और राज्य की एजेंसियों के परस्पर समन्वय से श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा। इस वक्त टनल में फंसे श्रमिकों का मनोबल बनाए रखने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया कि एजेंसियां परस्पर समन्वय और तत्परता से विशेषज्ञों की राय लेकर राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। टनल में श्रमिक सुरक्षित हैं। उन्हें ऑक्सीजन, पौष्टिक भोजन और पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। वह स्थलीय निरीक्षण कर चुके हैं। राहत और बचाव अभियान पर उनकी नजर है। मेडिकल टीम भी टनल के पास तैनात है। श्रमिकों को जल्द बाहर निकालने की पूरी कोशिश की जा रही है।
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने भी किया निरीक्षण
इससे पहले रविवार को केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तरकाशी के सिलक्यारा में रेस्क्यू कार्यों का जायजा लेने के लिए पहुंचे। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने सिलक्यारा सुरंग का स्थलीय निरीक्षण करने के बाद अब तक के कार्यों और प्लानों की समीक्षा की। हालांकि सिलक्यारा सुरंग के ऊपर से ड्रिलिंग के लिए चार अस्थायी मार्गों को तैयार कर लिया गया है। इसके बाद ऊपर एक पोकलैंड मशीन पहुंची।
अब पहाड़ के ऊपर और साइड से होगी ड्रिलिंग
सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए अब पहाड़ के ऊपर और साइड से ड्रिलिंग होगी। वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए चार स्थानों की पहचान की गई है, वहां तक पहुंचने के लिए ट्रैक बनाने का काम सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) को सौंपा गया है। विदेशी विशेषज्ञों की मदद से पांच विकल्पों पर केंद्र और राज्य की छह टीमें काम कर रही हैं।