प्रतिक्रिया | Monday, February 03, 2025

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17/10/23 | 9:19 am

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एविशन के क्षेत्र में बड़ा बदलाव, अब कमर्शियल पायलट लाइसेंस की वैधता अवधि 10 साल 

भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते विमानन बाजारों में से एक है। इसी के तहत कई एयरलाइंस कंपनियां अपने विमान बेड़े का विस्तार कर रही हैं। ऐसे में केंद्र सरकार ने विमानन क्षेत्र को सुगम एवं बेहतर बनाने के प्रयासों के तहत नियमों में संशोधन किया है। इसके तहत कमर्शियल पायलट लाइसेंस  की वैधता अवधि बढ़ा कर 10 साल कर दी गई है। अभी तककमर्शियल पायलट लाइसेंस (सीपीएल) की वैधता पांच साल होती थी। ये अवधि पूरी होने के बाद इसका नवीनीकरण कराना होता था।

पांच साल से बढ़ा कर 10 साल 
नागर विमानन मंत्रालय ने  बताया कि मंत्रालय ने विमान नियम, 1937 में संशोधन किया है। मंत्रालय ने इन संशोधनों के तहत एयरलाइन ट्रांसपोर्ट पायलट लाइसेंस (एटीपीएल) और सीपीएल धारकों के लाइसेंस की वैधता को पांच साल से बढ़ा कर 10 साल कर दी है। मंत्रालय ने इसके साथ ही हवाई अड्डे के आसपास ‘रोशनी’ संबंधित चिंताओं को दूर करने के लिए भी नियमों में संशोधन किया है।

 विदेशी लाइसेंस के सत्यापन की आवश्यकता नहीं
वहीं एक अन्य संशोधन के तहत विदेशी लाइसेंस के सत्यापन की आवश्यकता को हटा दिया है। यह परिवर्तन विमानन क्षेत्र की उभरती हुई जरूरतों के अनुसार नियमों को अनुरूप बनाने का प्रतीक है। इसके अलावा एयर ट्रैफिक कंट्रोलर (एटीसी) लाइसेंस धारकों के लिए संबंधित जरूरतों को और उदार बनाया गया है। मंत्रालय के मुताबिक 10 अक्टूबर को अधिसूचित विमान नियम 1937 में संशोधन विमानन क्षेत्र में सुगमता को बढ़ावा देने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

ये सुधार विमानन उद्योग की वृद्धि और स्थिरता को बढ़ाएंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि यह स्थिति वैश्विक विमानन मानकों में सबसे आगे कायम रहे। साथ ही बढ़ती हवाई यातायात मांग को पूरा करने के लिए अधिक पायलटों को नियुक्त करेंगी।

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आखरी अपडेट: 3rd Feb 2025