आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय (MoHUA ), मंत्रालय के राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (NULM) के सहयोग से, “महिलाओं के लिए पानी, पानी महिलाओं के लिए” शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार है, जिसे “जल दिवाली” अभियान के रूप में भी जाना जाता है। यह तीन दिवसीय अभियान, “जल दिवाली” 7 नवंबर से शुरू होकर 9 नवंबर तक जारी रहेगा। इस अभियान के तहत एसएचजी 550 से अधिक जल उपचार संयंत्रों का दौरा करेंगे। जल दिवाली का उद्देश्य जल प्रशासन महिलाओं में महिलाओं को शामिल करने के लिए मंच प्रदान करना है।
महिलाएँ घरेलू जल प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इसके चलते जल उपचार प्रक्रियाओं और बुनियादी ढांचे के बारे में जानकारी देकर महिलाओं को सशक्त बनाकर, मंत्रालय (MoHUA) का लक्ष्य उनके घरों के लिए सुरक्षित और स्वच्छ पेयजल तक पहुंच सुनिश्चित करने की उनकी क्षमता को बढ़ाना है।
क्या है अभियान का उद्देश्य
जल दिवाली अभियान का उद्देश्य पारंपरिक रूप से पुरुषों के प्रभुत्व वाले क्षेत्रों में समावेशिता और विविधता को बढ़ावा देकर लैंगिक समानता के मुद्दों को संबोधित करना है।महिलाओं में जल बुनियादी ढांचे के प्रति स्वामित्व और अपनेपन की भावना पैदा होगी। मंत्रालय ने बताया कि इस अभियान में महिलाओं को उन्हें अपने संबंधित शहरों में जल उपचार संयंत्रों (WTP) के दौरे के माध्यम से जल उपचार प्रक्रियाओं के बारे में प्रत्यक्ष ज्ञान दिया जाएगा। ये दौरे घरों में स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल पहुंचाने में शामिल महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं को स्पष्ट करेंगे। इसके अतिरिक्त, महिलाओं को जल गुणवत्ता परीक्षण प्रोटोकॉल के बारे में जानकारी मिलेगी जो यह सुनिश्चित करती है कि नागरिकों को जरुरी गुणवत्ता का पानी मिले। अभियान का व्यापक लक्ष्य महिलाओं में जल बुनियादी ढांचे के प्रति स्वामित्व और अपनेपन की भावना पैदा करना है।
महिला स्वयं सहायता समूह करेंगे जल उपचार संयंत्रों का दौरा
बता दें कि भारत में 3 हज़ार से अधिक जल उपचार संयंत्र हैं, जिनकी डिजाइन जल उपचार क्षमता 65,000 एमएलडी से अधिक और परिचालन क्षमता 55,000 एमएलडी से अधिक है। इस अभियान के दौरान, महिला स्वयं सहायता समूह (SHG) 550 से अधिक जल उपचार संयंत्रों का दौरा करेंगे, जिनकी संयुक्त परिचालन क्षमता 20,000 एमएलडी (देश की कुल क्षमता का 35% से अधिक) से अधिक है।
अभियान में शामिल फोकस क्षेत्र
महिलाओं के लिए जल, जल के लिए महिलाएं अभियान”, “जल दिवाली” के प्रथम चरण (Phase I) में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों (आदर्श आचार संहिता के तहत 5 राज्यों को छोड़कर) की भाग लेंगे, जिसमें 15,000 से अधिक एसएचजी महिलाओं की अपेक्षित भागीदारी होगी। इस राष्ट्रव्यापी अभियान में महिलाओं को जल उपचार संयंत्रों और जल परीक्षण सुविधाओं की कार्यप्रणाली से परिचित कराना, महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित स्मृति चिन्हों और लेखों के माध्यम से समावेशिता और भागीदारी को बढ़ावा देना, महिलाओं को अमृत योजना और जल बुनियादी ढांचे पर इसके प्रभाव के बारे में परिचित और शिक्षित करना आदि मुख्य केंद्रित क्षेत्र है। एएमआरयूटी (AMRUT) और एनयूएलएम (NULM) के राज्य और शहर के अधिकारी डब्ल्यूटीपी (WTPs) की पहचान करके इन यात्राओं को सुविधाजनक बनाएंगे। मंत्रालय ने सभी राज्य और शहर के अधिकारियों से इस पहल में सक्रिय रूप से भाग लेने और समर्थन करने का आह्वान किया है।