वैश्विक विकास सुनिश्चित करने के लिए स्थायी वित्त जुटाने के एजेंडे पर आगे बढ़ते हुए, चौथी जी20 सतत् वित्त कार्य समूह की बैठक 13-14 सितंबर को वाराणसी, उत्तर प्रदेश में होने जा रही है।सतत् वित्त कार्यकारी समूह जी20 सतत् वित्त रोडमैप में लक्षित कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए तीन प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर काम कर रहा है, जिसमें जलवायु वित्त के लिए समय पर पर्याप्त संसाधन जुटाने के लिए तंत्र; सतत विकास लक्ष्यों के लिए वित्त सक्षम करना; सतत् विकास की दिशा में वित्तपोषण के लिए पारिस्थितिकी तंत्र की क्षमता निर्माण जैसे विषय शामिल हैं।
2023 जी20 (एसएफडब्ल्यूजी) रिपोर्ट को अंतिम रूप देने के लक्ष्य के साथ-साथ, पहले दिन की बैठक 'बाजार विकास व सतत् विकास लक्ष्यों के लिए निवेश ध्यान केंद्रित करेगी। प्रतिनिधि जलवायु और अन्य जोखिमों के मूल्यांकन और प्रबंधन पर भी चर्चा करेंगे। बैठक में अंतर्राष्ट्रीय वित्त संस्थानों की भूमिका और सार्वजनिक वित्त प्रोत्साहन सहित अन्य मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा।यह पहली बार है कि एसएफडब्ल्यूजी ने जलवायु के अलावा एसडीजी के वित्तपोषण पर काम किया है।
इस प्राथमिकता के तहत सामाजिक प्रभाव निवेश और प्रकृति से संबंधित डेटा और रिपोर्टिंग के लिए वित्तीय साधनों पर ध्यान केंद्रित करेगा । प्रकृति से संबंधित डेटा और रिपोर्टिंग, डाटा की सीमित उपलब्धता और डेटा तक पहुंच की कमी से ग्रस्त है।भारत अपनी G20 अध्यक्षता के अंतर्गत सतत् विकास के एजेंडे को मजबूती से आगे बढ़ा रहा है। नई दिल्ली घोषणा अपने आप में एक प्रमाण है, जिसमें स्थिरता के लिए वित्त जुटाने और मौजूदा संसाधनों के कुशल उपयोग का समर्थन शामिल है । इसके अलावा शिखर सम्मेलन का एक प्रमुख परिणाम हरित विकास समझौता था, जो सतत् विकास लक्ष्यों के प्रति सामूहिक प्रतिबद्धता दिखाता है।
हाल ही में एक स्थायी और पर्यावरणीय रूप से जिम्मेदार भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम लेते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंगापुर, बांग्लादेश, इटली, अमेरिका, ब्राजील, अर्जेंटीना, मॉरीशस और संयुक्त अरब अमीरात के विश्व नेताओं के साथ मिलकर नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर ग्लोबल बायोफ्यूल एलायंस (जीबीए) लॉन्च किया है।