केंद्र सरकार ने जबसे रोजगार के लिए नए रास्ते खोलने के साथ स्वरोजगार पर ध्यान दिया है तब से हर काम और हर कर्मी को सम्मान मिल रहा है। इनका सबसे बड़ा उदाहरण वे योजनाएं हैं जो सीधा इन श्रमिकों के हित सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई हैं। एक ऐसी ही योजना का नाम है “पहचान” जो भारत की उन प्रतिभाओं को पंख प्रदान करती है जो हस्तशिल्प का काम करते हैं। केंद्र सरकार के इस अनूठे प्रयोग से आज हस्तशिल्प कारीगरों को आर्थिक संबल मिल रहा है। इसी योजना से जुड़े प्रश्नों का लिखित जवाब सोमवार को संसद में केंद्रीय वस्त्र राज्य मंत्री ने भी दिया।
क्या है पहचान पहल ?
योग्य हस्तशिल्प कारीगरों को नई पहचान प्रदान करने और उन्हें कपड़ा मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित विभिन्न योजनाओं के लाभ से जोड़ने के लिए वर्ष 2016 में पहचान योजना शुरू की गई थी। आधार से जुड़े पहचान कार्ड के उचित सत्यापन के बाद कपड़ा मंत्रालय के विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) कार्यालय के क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा जारी किए जाते हैं। इस पहल का लाभ 30 जून 2023 तक पंजीकृत पहचान कार्ड धारक उठा सकते हैं। 30 जून 2023 तक देश भर में 31.14 लाख हस्तशिल्प कारीगरों को पंजीकृत किया गया है।
क्या हैं इसके लाभ ?
इस पहल के तहत कारीगरों को प्रशिक्षण से लेकर आर्थिक सहायता, ऋण मिलने जैसी सुविधाएं शामिल हैं। “पहचान कार्ड” के साथ पंजीकृत कारीगर कपड़ा मंत्रालय के राष्ट्रीय हस्तशिल्प विकास कार्यक्रम (एनएचडीपी) और व्यापक हस्तशिल्प क्लस्टर विकास योजना (सीएचसीडीएस) का लाभ उठा सकते हैं। यह कार्यक्रम उनकी प्रतिभा में निखार लाने में सहायक सिद्ध होंगे। इसके अतिरिक्त इसमें पंजीकृत कारीगर निम्नलिखित लाभों के धारक भी बनते हैं:
1) इसके माध्यम से कारीगर का कौशल और प्रशिक्षण उन्नयन तो होगा ही उसके साथ ही उसे डिजाइन विकास कार्यशालाएं, टूल किट वितरण, मार्केटिंग प्लेटफॉर्म जैसी सुविधाएं भी हासिल होंगी।
2) केंद्र की ओर से मुद्रा लोन के माध्यम से ऋण प्राप्त होने के साथ ही ब्याज में छूट जैसे व्यक्तिगत लाभ भी मिलेंगे।
3) उच्चतम हस्तशिल्प कला वाले शिल्प गुरु और कुशल कारीगरों को उनकी प्रतिभा के आधार पर राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिलता है।
4) पुरस्कृत कारीगरों को गरीबी के आधार पर 8 हजार रुपये की मासिक पेंशन मिलती है।
ज्ञात हो कि, वर्ष 2022-23 के दौरान विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) कार्यालय की विभिन्न योजनाओं से कुल 1.17 लाख कारीगर लाभान्वित हुए।
केन्द्रीय मंत्री ने संसद में दिया जवाब
केंद्रीय कपड़ा राज्य मंत्री दर्शना जरदोश ने बुधवार को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में आंकड़ों सहित यह बताया कि देश के राज्यों और अन्य केंद्र शासित प्रदेशों में कुल 31 लाख 14 हजार 468 कारीगर अबतक पहचान कार्ड स्कीम में पंजीकृत हो चुके हैं।