प्रतिक्रिया | Saturday, February 01, 2025

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16/06/23 | 12:54 pm

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पवन ऊर्जा क्षमता में दुनिया में चौथे स्थान पर भारत, शीर्ष पर रहे देश के तीन राज्य  

प्रकृति में कई ऐसी चीजें हैं, जिनसे पर्यावरण को बिना नुकसान पहुचाएं आसानी से बिजली पैदा की जा सकती है। ऐसा ही एक क्षेत्र पवन ऊर्जा का है। कार्बन उत्सर्जन कम करने के अपने लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए भारत पवन ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी से कार्य कर रहा है। जी हां, इसी का प्रमाण है कि भारत ने पिछले कुछ वर्षों में पवन ऊर्जा उत्पादन में काफी प्रगति की है। 

पवन ऊर्जा क्षमता में भारत का स्थान 

महज इतना ही नहीं, अब यह दुनिया में पवन ऊर्जा क्षमता में चौथे स्थान पर पहुंच गया है। इस दिशा में साल 2022-23 में भारत के तीन राज्यों का भी विशेष योगदान रहा है जिनमें राजस्थान, गुजरात और तमिलनाडु शामिल है। दरअसल, इन तीनों राज्यों में पवन ऊर्जा को लेकर बेहतरीन काम हुआ है। राजस्थान को उच्चतम पवन क्षमता वृद्धि प्राप्त करने के लिए, गुजरात को खुली पहुंच के माध्यम से उच्चतम पवन क्षमता वृद्धि प्राप्त करने के लिए और तमिलनाडु को पवन टर्बाइनों को पुन: शक्ति प्रदान करने की शुरुआत करने के लिए सम्मानित किया गया। यही वजह रही है कि पूरे देश में ये तीन राज्य आज के समय में पवन ऊर्जा अपनाने में शीर्ष उपलब्धि हासिल करने वाले राज्य बन चुके हैं।  

वैश्विक पवन दिवस पर मनाया विश्वव्यापी उत्सव

इसका खुलासा गुरुवार, 15 जून, 2023 को वैश्विक पवन दिवस के मौके पर हुआ। दरअसल, भारत सरकार ने वैश्विक पवन दिवस उत्सव मनाया। यह आयोजन नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ विंड एनर्जी, शक्ति सस्टेनेबल एनर्जी फाउंडेशन, इंडियन विंड टर्बाइन मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन, इंडियन विंड पावर एसोसिएशन और विंड इंडिपेंडेंट पावर प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन के सहयोग से किया गया। इस आयोजन में केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों, पवन टरबाइन निर्माताओं और डेवलपर्स, अंतरराष्ट्रीय और घरेलू वित्तीय संस्थानों, केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों, शिक्षाविदों, थिंक-टैंक (विचार मंच) और अन्य प्रमुख हितधारकों की सक्रिय भागीदारी रही।

भारत के भविष्य को लेकर हुई चर्चा

इस मौके पर दिनभर चले आयोजन में पवन ऊर्जा का उपयोग कर भारत के भविष्य को शक्ति प्रदान करने के तौर-तरीकों पर खास चर्चा हुई। वहीं देश के इन तीन शीर्ष राज्यों का नाम सामने आया जो पवन ऊर्जा अपनाने में सबसे आगे रहे हैं। 

पवन ऊर्जा अपनाने में तेजी लाने के संभावित तरीकों पर हुई चर्चा 

गौरतलब हो, भारत सरकार के अधीन नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय नई दिल्ली में एक दिवसीय कार्यक्रम के इस आयोजन के माध्यम से वैश्विक पवन दिवस पर विश्वव्यापी उत्सव में शामिल हुआ जिसमें भारत में पवन ऊर्जा अपनाने में तेजी लाने के संभावित तरीकों पर चर्चा की गई। इस कार्यक्रम का केंद्रीय विषय ‘पवन-ऊर्जा: पावरिंग द फ्यूचर ऑफ इंडिया’ रखा गया। 

2030 तक 500 गीगा वाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करने को प्रतिबद्ध भारत 

कार्यक्रम के दौरान भारत में पवन ऊर्जा की प्रगति, तट से दूर पवन विकास, पवन ऊर्जा उत्पादन पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत बनाने और पवन ऊर्जा के लिए ‘हरित वित्त’ पर गहन चर्चा हुई। ज्ञात हो, भारत सरकार वर्ष 2030 तक 500 गीगा वाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। 

देश की तटवर्ती पवन क्षमता अब 1,164 गीगावाट

देश की तटवर्ती पवन क्षमता अब 1,164 गीगावाट होने का अनुमान है। वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा संसाधनों से अपनी विद्युत शक्ति स्थापित क्षमता का 50 प्रतिशत प्राप्त करने और 2070 तक नेट जीरो का लक्ष्य प्राप्त करने के भारत के प्रयासों के लिए पवन ऊर्जा बहुत महत्वपूर्ण है। भारत में तटवर्ती और तट से दूर पवन ऊर्जा उत्पादन दोनों के लिए महत्वपूर्ण क्षमता है। सरकार के निरंतर प्रयासों से देश ने लगभग 15 गीगा वाट घरेलू पवन ऊर्जा क्षमता विकसित की है। इससे देश आत्मनिर्भर बन गया है।

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आखरी अपडेट: 1st Feb 2025