बेंगलुरु में देश का पहला 3D प्रिंटेड पोस्ट ऑफिस बनकर तैयार हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर कैंब्रिज लेआउट, बेंगलुरु में भारत के पहले 3डी मुद्रित डाकघर की सराहना की है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार, 18 अगस्त 2023 को इसका उद्घाटन किया। इसको लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट ऑफिस की तस्वीर को शेयर किया है और इसे देश के नवाचार और प्रगति का प्रमाण बताते हुए हर भारतीयों के लिए गर्व का क्षण बताया है ।
पीएम ने इसे बताया- आत्मनिर्भर भारत की भावना का भी प्रतीक
पीएम मोदी ने एक्स पर कहा, “हर भारतीय को कैंब्रिज लेआउट, बेंगलुरु में भारत के पहले 3डी मुद्रित डाकघर को देखकर गर्व होगा। यह हमारे देश के नवाचार और प्रगति का प्रमाण है, यह आत्मनिर्भर भारत की भावना का भी प्रतीक है। उन सभी लोगों को बधाई जिन्होंने डाकघर बनाने के लिए कड़ी मेहनत की है ।”
देश का पहला 3D पोस्ट ऑफिस
उल्लेखनीय है कि बेंगलुरु के उल्सूर बाजार में देश का यह पहला 3डी पोस्ट ऑफिस तैयार किया गया है। इसका निर्माण लार्सन एंड टुब्रो द्वारा किया गया है, जो वर्तमान में भारत में निर्माण के लिए 3D प्रिंटिंग तकनीक का उपयोग करने वाली एकमात्र कंपनी है।
जानें क्या होती है 3D प्रिंटिंग ?
3D प्रिंटिंग एक कंप्यूटर निर्मित डिजाइन है जिसको लेयर टू लेयर, थ्री डायमेंशनल (x-axis, y-axis,और Z-axis) डिजाइन तैयार करने के लिए किया जाता है और इसे 3D प्रिंटर की मदद से तैयार किया जाता है। इसके साथ ही 3D प्रिंटिंग में इस्तेमाल होने वाले प्रिंटर Additive Manufacturing पर आधारित होते हैं। आमतौर पर जहां प्रिंटिंग मशीन में इंक और पन्नों की जरूरत होती है, वहीं 3D प्रिंटिंग में प्रिंट की जाने वाली वस्तु के आकार, रंग का निर्धारण कर उसी अनुरूप उसमें पदार्थ डाले जाते हैं। आज 3D प्रिंटिंग तकनीक का प्रयोग खासकर सुरक्षा और एयरोस्पेस के क्षेत्र के अलावा विविध भागों के निर्माण में किया जा रहा है।
3D प्रिंटिंग क्यों महत्वपूर्ण ?
3D प्रिंटिंग का उपयोग छोटे शहरों में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने की दिशा में महत्त्वपूर्ण है क्योंकि इस तकनीक के जरिए छोटे, लघु और मध्यम उद्योगों को बढ़ावा दिया जा सकता है। इस तकनीक के जरिए समय की भी बचत होगी और उत्पादन क्षमता में भी वृद्धि होगी। इसके अलावा निर्माण के दौरान पर्यावरण पर पड़ने वाले विपरीत प्रभावों में भी कमी आएगी। बताते चलें कि वैश्विक स्तर पर वर्ष 2017 में वैश्विक 3D प्रिंटिंग बाजार तकरीबन 7.01 बिलियन डॉलर के स्तर पर पहुंच गया था और औद्योगिक स्तर पर साल 2019 में बाजार में इसकी हिस्सेदारी लगभग 80 प्रतिशत थी।