प्रतिक्रिया | Sunday, February 02, 2025

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13/09/23 | 4:12 pm

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भारत आज सी295 एमडब्‍ल्‍यू परिवहन विमान करेगा हासिल, एयरोस्पेस संबंधी पारिस्थितिकी तंत्र को मिलेगा बढ़ावा

भारत आज पहले सी295 एमडब्‍ल्‍यू परिवहन विमान हासिल करेगा। ऐसा कर भारत वायुसेना के परिवहन बेड़े के आधुनिकीकरण की दिशा में एक और बड़ा कदम जमाने जा रहा है। 

एयरबस सौंपेगी भारतीय वायु सेना को यह विमान 

इस संबंध में वायु सेनाध्यक्ष एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी स्‍पेन के सेविले में पहले सी295 एमडब्‍ल्‍यू परिवहन विमान के औपचारिक हस्तांतरण समारोह में भाग लेंगे। भारतीय वायु सेना ने बताया कि एयरबस भारतीय वायु सेना को यह विमान औपचारिक रूप से सौंपेगी।

याद हो, रक्षा मंत्रालय ने 24 सितंबर, 2021 को भारतीय वायु सेना के लिए 56 सी295 एमडब्ल्यू परिवहन विमान के अधिग्रहण के लिए मैसर्स एयरबस डिफेंस एंड स्पेस, स्पेन के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे।

भारत ने 56 एयरबस सी295 विमान के इस अधिग्रहण को कानूनी रूप दिया

भारतीय वायुसेना की AVRO फ्लीट को स्थानांतरित करने के लिए भारत ने 56 एयरबस सी295 विमान के इस अधिग्रहण को कानूनी रूप दिया है। अनुबंध समझौते के मुताबिक एयरबस अपने मुख्य निर्माण केन्द्र से पहले सोलह विमान को उड़ान भरने लायक स्थिति में वायु सेना को सौंपेगी। 

भारत की टाटा एडवांस्ड सिस्टम चालीस विमानों का निर्माण और असेंबल करेगी

दोनों कंपनियों के बीच एक औद्योगिक साझेदारी के हिस्से के रूप में भारत की टाटा एडवांस्ड सिस्टम चालीस विमानों का निर्माण और असेंबल करेगी। सभी सी295 विमान परिवहन विन्‍यास की स्थिति में सौंपे जाएंगे और इन विमानों को स्वदेशी इलेक्‍ट्रॉनिक युद्धक आवरण से सुसज्जित किया जाएगा।

'मेक इन इंडिया' पहल को बढ़ावा

56 सी295 विमान का अभिग्रहण 'मेक इन इंडिया' पहल को बढ़ावा देगा। एयरबस और टाटा एडवांस्ड सिस्टम के बीच की साझेदारी विमानन क्षेत्र में औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र के विकास की राह बनाएगी। 

समकालीन प्रौद्योगिकी से लैस 

समकालीन तकनीक के साथ यह 5-10 टन क्षमता का परिवहन विमान है जो भारतीय वायुसेना के पुराने AVRO परिवहन विमान की जगह लेगा। विमान आधी तैयार की गई एयर स्ट्रिप्स से संचालन करने में भी सक्षम है। केवल इतना ही नहीं, इसमें तेज प्रतिक्रिया और सैनिकों तथा कार्गो के पैरा ड्रॉपिंग के लिए एक रियर रैंप दरवाजा भी है। विमान विशेष रूप से उत्तरी और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र और अंडमान तथा निकोबार द्वीप समूह में भारतीय वायुसेना की सामरिक एयरलिफ्ट क्षमता को बढ़ावा देगा।

अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के 10 साल के भीतर विमान की सभी डिलीवरी होगी पूरी 

उल्लेखनीय है कि 56 में से 40 विमान भारत में टाटा कंसोर्टियम द्वारा निर्मित किए जाएंगे। अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के 10 साल के भीतर सभी डिलीवरी पूरी कर ली जाएंगी। सभी 56 विमानों को स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट के साथ स्थापित किया जाएगा। डिलीवरी के पूरा होने के बाद भारत में निर्मित बाद के विमानों को उन देशों को निर्यात किया जा सकता है जिन्हें भारत सरकार द्वारा मंजूरी दी गई है। यह परियोजना भारत में एयरोस्पेस संबंधी पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देगी जिसमें देश भर में फैले कई एमएसएमई उद्योग विमान के कुछ हिस्सों के निर्माण में शामिल होंगे। इस कार्यक्रम में हैंगर, भवन, एप्रन और टैक्सीवे के रूप में विशेष बुनियादी ढांचे का विकास भी शामिल होगा।

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आखरी अपडेट: 2nd Feb 2025