प्रतिक्रिया | Monday, April 28, 2025

  • Twitter
  • Facebook
  • YouTube
  • Instagram

10/01/24 | 10:40 am

printer

भ्रामक विज्ञापन देकर गुमराह करने वाले कोचिंग संस्थानों पर केंद्र सरकार सख्त, जारी किए नए दिशा-निर्देश

तमाम कॉम्पटीशन और नौकरी के लिए कोचिंग चला रहे संस्थानों द्वारा कई तरह के दावे किए जाते हैं। ऐसे में केंद्र सरकार ने कोचिंग संस्थानों में उम्मीदवारों की सफलता दर के संबंध में भ्रामक विज्ञापनों के संबंध में एक दिशा-निर्देश तैयार किया गया है। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने इसको लेकर गठित समिति की पहली बैठक 08 जनवरी को आयोजित की गई, जिसमें समिति ने दिशा-निर्देशों के मसौदे पर विचार-विमर्श किया गया। इसे जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है।

उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने मंगलवार को जारी एक बयान में बताया कि सीसीपीए के मुख्य आयुक्त और उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में कोचिंग संस्थानों के भ्रामक विज्ञापनों को रोकने के लिए दिशा-निर्देशों का मसौदा तैयार किया गया है। इस मसौदे में सीसीपीए ने भ्रामक विज्ञापनों को रोकने के मकसद से ‘क्या करें और क्या न करें’ को निर्दिष्ट किया गया है।

कोचिंग संस्थान सफल उम्मीदवार के फोटो के साथ अपेक्षित जानकारी का उल्लेख करेगा
–सफल उम्मीदवार द्वारा अर्जित रैंक
–सफल उम्मीदवार द्वारा चुना गया पाठ्यक्रम
–कोर्स की अवधि

कोर्स पेड था या नि:शुल्क
–कोचिंग संस्थान शत-प्रतिशत चयन या शत-प्रतिशत नौकरी की गारंटी या प्रारंभिक या मुख्य परीक्षा की गारंटी का दावा नहीं करेंगे।
–विज्ञापन में अस्वीकरण/प्रकटीकरण/महत्वपूर्ण जानकारी का फॉन्ट का साइज वही होगा जो दावे/विज्ञापन में उपयोग किया गया है। विज्ञापन में ऐसी जानकारी प्रमुख और दृश्यमान स्थान पर होनी चाहिए।

 31 कोचिंग संस्थानों को दिया गया था नोटिस 
बता दें कि सीसीपीए ने कोचिंग संस्थानों द्वारा भ्रामक विज्ञापन के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की थी। इस संबंध में सीसीपीए ने भ्रामक विज्ञापन के लिए 31 कोचिंग संस्थानों को नोटिस जारी किया है और उनमें से 9 पर भ्रामक विज्ञापन के लिए जुर्माना लगाया है।

उपभोक्ताओं को करते रहते है गुमराह
सीसीपीए को यह पता चला है कि कुछ कोचिंग संस्थान जानबूझकर सफल उम्मीदवारों द्वारा चुने गए पाठ्यक्रम, पाठ्यक्रम की अवधि और उम्मीदवारों द्वारा भुगतान की गई फीस के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी छिपाकर उपभोक्ताओं को गुमराह करते रहते हैं। सीसीपीए ने यह भी देखा कि कुछ कोचिंग संस्थान सत्यापन योग्य साक्ष्य उपलब्ध कराए बिना ही शत-प्रतिशत चयन, शत-प्रतिशत नौकरी की गारंटी और प्रारंभिक तथा मुख्य परीक्षा में सफलता की गारंटी जैसे दावे करने में भी शामिल हैं।

ऑनलाइन- ऑफलाइन दोनों फॉर्म के कोचिंग पर लागू होंगे नियम
उन्होंने यह भी कहा कि सीसीपीए दृढ़ता से उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा करने में विश्वास रखता है और यह भी सुनिश्चित करता है कि किसी भी सामान या सेवा के संबंध में कोई ऐसा गलत या भ्रामक विज्ञापन न दिया जाए जो उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के प्रावधानों का उल्लंघन करता हो।
ये दिशा निर्देश सभी कोचिंग संस्थानों पर लागू होंगे, चाहे वे ऑनलाइन हों या ऑफलाइन में हों, इसमें किसी प्रारूप या माध्यम की परवाह किए बिना सभी प्रकार के विज्ञापन शामिल होंगे। ये दिशानिर्देश ऐसी शर्तें निर्धारित करते हैं जब कोचिंग संस्थान द्वारा दिया गया कोई विज्ञापन उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत परिभाषित भ्रामक विज्ञापन माना जाएगा, जब उसमें अन्य बातों के साथ-साथ सफल उम्मीदवारों द्वारा चुने गए पाठ्यक्रम से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी [सफल उम्मीदवारों द्वारा चुने गए पाठ्यक्रम (चाहे मुफ़्त हो या सशुल्क और पाठ्यक्रम की अवधि आदि) छिपाई गई हो।

दिशा-निर्देशों के मसौदे को जल्द मिलेगी मंजूरी
सीसीपीए के मुख्य आयुक्त और उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा कि कोचिंग संस्थानों के भ्रामक विज्ञापनों को रोकने के लिए तैयार दिशा-निर्देशों के मसौदे को जल्द ही मंजूरी दी जाएगी और इसे जारी किया जाएगा। ये दिशा-निर्देश सभी कोचिंग संस्थानों पर लागू होंगे, चाहे वे ऑनलाइन हों या भौतिक फॉर्म में हों, इसमें किसी प्रारूप या माध्यम की परवाह किए बिना सभी प्रकार के विज्ञापन शामिल होंगे। मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि कोचिंग संस्थानों के भ्रामक विज्ञापन के लिए जुर्माना उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अनुसार नियंत्रित किया जाएगा।

आगंतुकों: 24785775
आखरी अपडेट: 28th Apr 2025