वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल सम्मेलन के पहले दिन बीते बुधवार को एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम में भारत-यूएई बिजनेस समिट की शुरुआत हुई। इस सम्मेलन के दौरान दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों और आपसी विकास को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया। बता दें कि वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट के इस संस्करण के मुख्य अतिथि के तौर पर यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान शामिल रहे साथ ही प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों और उद्योग जगत के प्रमुख लोगों की भी उपस्थिति रही।
यूएई – भारत सीईपीए परिषद की वेबसाइट लॉन्च
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-यूएई संबंधों को बढ़ाने के लिए शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के प्रयासों के लिए आभार व्यक्त किया। शिखर सम्मेलन के दौरान केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने संयुक्त अरब अमीरात भारत सीईपीए परिषद (यूआईसीसी) वेबसाइट का औपचारिक से शुभारंभ किया। यह कदम दोनों देशों के बीच न केवल आर्थिक सहयोग बल्कि व्यापारिक संबंधों को आगे बढ़ाने में भी मददगार साबित होगा।
व्यापारियों ने दिखाई खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में रूचि
इस सत्र के दौरान में भारत के स्टार्टअप क्षेत्र के बारे में चर्चा हुई जिसमें भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) राष्ट्रीय स्टार्टअप काउंसिल के अध्यक्ष आर दिनेश और स्नैपडील और टाइटन कैपिटल के सह-संस्थापक कुणाल बहल ने भी अपनी बात रखी। सम्मेलन के दौरान सीआईआई इंडिया-यूएई स्टार्ट-अप इनिशिएटिव ने अनलॉकिंग अवसर: भारत-यूएई स्टार्ट-अप इकोसिस्टम कन्वर्जेंस” नामक शीर्षक से एक रिपोर्ट का भी अनावरण किया गया। सम्मेलन के दौरान डीपी वर्ल्ड के सीईओ सुल्तान अहमद बिन सुलेयम और लुलु ग्रुप इंटरनेशनल के अध्यक्ष एम.ए. यूसुफ अली ने भारतीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में निवेश बढ़ाने में रूचि जाहिर की। बता दें इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य व्यापार,वित्त, निवेश सुविधा में सहयोग बढ़ाना है। इसी कड़ी में भारतीय निर्यातकों के प्रोत्साहन के लिए भारत ने संयुक्त अरब अमीरात में एक भंडारण सुविधा भारत मार्ट का प्रस्ताव रखा।
व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (CEPA)से बढ़ी व्यापारिक भागीदारी
2022 में भारत-यूएई व्यापार बढ़कर 85 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया जिससे यूएई भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बन गया। फरवरी 2022 में हस्ताक्षरित व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) ने इस वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके तहत 80% से अधिक उत्पादों पर टैरिफ कम करके अनेक व्यापार बाधाओं को दूर किया गया। 1 मई, 2022 को (CEPA) सीईपीए के लागू होने से द्विपक्षीय गैर-तेल व्यापार पहले 12 महीनों में 50.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 5.8% फीसदी ज्यादा है।
2030 तक 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर व्यापार का लक्ष्य
दोनों देशों ने जुलाई 2023 में स्थानीय मुद्रा निपटान की प्रणाली अपनाई जो निर्यातकों और आयातकों को उनकी घरेलू मुद्राओं में भुगतान करने की सुविधा देता है। यह कदम दोनों न केवल दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत बना रही है बल्कि आपसी विश्वास को बढ़ावा दे रही है। यूएई-भारत बिजनेस शिखर सम्मेलन द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को आगे बढ़ाने,आपसी विकास और समृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 2030 तक 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर के गैर-तेल व्यापार के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए यह सम्मेलन दोनों देशों के मनोबल बढ़ाने में सहायक हो सकती है।