प्रतिक्रिया | Thursday, January 30, 2025

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11/01/24 | 2:58 pm

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वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट 2024 : द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने भारत-यूएई बिजनेस शिखर सम्मेलन

वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल सम्मेलन के पहले दिन बीते बुधवार को एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम में भारत-यूएई बिजनेस समिट की शुरुआत हुई। इस सम्मेलन के दौरान दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों और आपसी विकास को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया। बता दें कि वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट के इस संस्करण के मुख्य अतिथि के तौर पर यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान शामिल रहे साथ ही प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों और उद्योग जगत के प्रमुख लोगों की भी उपस्थिति रही।

यूएई – भारत सीईपीए परिषद की वेबसाइट लॉन्च 

इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-यूएई संबंधों को बढ़ाने के लिए शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के प्रयासों के लिए आभार व्यक्त किया। शिखर सम्मेलन के दौरान केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने संयुक्त अरब अमीरात भारत सीईपीए परिषद (यूआईसीसी) वेबसाइट का औपचारिक से शुभारंभ किया। यह कदम दोनों देशों के बीच न केवल आर्थिक सहयोग बल्कि व्यापारिक संबंधों को आगे बढ़ाने में भी मददगार साबित होगा।

व्यापारियों ने दिखाई खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में रूचि

इस सत्र के दौरान में भारत के स्टार्टअप क्षेत्र के बारे में चर्चा हुई जिसमें भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) राष्ट्रीय स्टार्टअप काउंसिल के अध्यक्ष आर दिनेश और स्नैपडील और टाइटन कैपिटल के सह-संस्थापक कुणाल बहल ने भी अपनी बात रखी। सम्मेलन के दौरान सीआईआई इंडिया-यूएई स्टार्ट-अप इनिशिएटिव ने अनलॉकिंग अवसर: भारत-यूएई स्टार्ट-अप इकोसिस्टम कन्वर्जेंस” नामक शीर्षक से एक रिपोर्ट का भी अनावरण किया गया। सम्मेलन के दौरान डीपी वर्ल्ड के सीईओ सुल्तान अहमद बिन सुलेयम और लुलु ग्रुप इंटरनेशनल के अध्यक्ष एम.ए. यूसुफ अली ने भारतीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में निवेश बढ़ाने में रूचि जाहिर की। बता दें इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य व्यापार,वित्त, निवेश सुविधा में सहयोग बढ़ाना है। इसी कड़ी में भारतीय निर्यातकों के प्रोत्साहन के लिए भारत ने संयुक्त अरब अमीरात में एक भंडारण सुविधा भारत मार्ट का प्रस्ताव रखा।

व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (CEPA)से बढ़ी व्यापारिक भागीदारी  

2022 में भारत-यूएई व्यापार बढ़कर 85 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया जिससे यूएई भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बन गया। फरवरी 2022 में हस्ताक्षरित व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) ने इस वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके तहत 80% से अधिक उत्पादों पर टैरिफ कम करके अनेक व्यापार बाधाओं को दूर किया गया। 1 मई, 2022 को (CEPA) सीईपीए के लागू होने से द्विपक्षीय गैर-तेल व्यापार पहले 12 महीनों में 50.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 5.8% फीसदी ज्यादा है।

2030 तक 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर व्यापार का लक्ष्य 

दोनों देशों ने जुलाई 2023 में स्थानीय मुद्रा निपटान की प्रणाली अपनाई जो निर्यातकों और आयातकों को उनकी घरेलू मुद्राओं में भुगतान करने की सुविधा देता है। यह कदम दोनों न केवल दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत बना रही है बल्कि आपसी विश्वास को बढ़ावा दे रही है। यूएई-भारत बिजनेस शिखर सम्मेलन द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को आगे बढ़ाने,आपसी विकास और समृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 2030 तक 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर के गैर-तेल व्यापार के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए यह सम्मेलन दोनों देशों के मनोबल बढ़ाने में सहायक हो सकती है।

10/01/24 | 12:21 pm

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वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट 2024: मुकेश अंबानी ने गुजरात के लिए किये 5 वादे, निवेश से बढ़ेंगे रोजगार के अवसर

वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट 2024 के 10वें संस्करण का गांधीनगर के महात्मा मंदिर में  पीएम मोदी ने उद्घाटन किया। इस वर्ष के शिखर सम्मेलन का विषय 'भविष्य का प्रवेश द्वार' है और इसमें 34 भागीदार देशों और 16 भागीदार संगठनों की भागीदारी शामिल है। शिखर सम्मेलन का उपयोग उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के विकास मंत्रालय द्वारा उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में निवेश के अवसरों को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच के रूप में भी किया जा रहा है। इस अवसर पर कई उद्योग जगत के दिग्गजों ने संबोधित किया। 

दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित निवेश शिखर सम्मेलन
रिलायंस समूह के मुकेश अंबानी ने वाइब्रेंट गुजरात को आज दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित निवेश शिखर सम्मेलन कहा। उन्होंने कहा कि चूंकि इस तरह का कोई अन्य शिखर सम्मेलन पिछले 20 वर्षों से जारी नहीं है और यह लगातार मजबूत होता जा रहा है। उन्होंने बताया कि उन्होंने वाइब्रेंट गुजरात के हर संस्करण में भाग लिया है। आगे कहा कि, “इस परिवर्तन का मुख्य कारण हमारे नेता हैं जो आधुनिक समय के सबसे महान नेता के रूप में उभरे हैं, पीएम मोदी भारत के इतिहास में सबसे सफल प्रधानमंत्री हैं। जब वह बोलते हैं तो न केवल दुनिया बोलती है बल्कि उनकी सराहना करती है।”
 

'मोदी है तो मुमकिन है' सार्थक नारा

मुकेश अंबानी ने विस्तार से बताया कि कैसे भारत के प्रधानमंत्री असंभव को संभव बनाते हैं। 'मोदी है तो मुमकिन है' नारे पर उन्होंने कहा कि यह नारा वैश्विक दर्शकों में गूंजता है और वे सहमत हैं। मुकेश अंबानी ने अपने पिता धीरूभाई को याद करते हुए कहा कि रिलायंस एक गुजराती कंपनी थी और हमेशा रहेगी। उन्होंने कहा, “रिलायंस का प्रत्येक व्यवसाय मेरे 7 करोड़ साथी गुजरातियों के सपनों को पूरा करने का प्रयास कर रहा है।” 
उन्होंने बताया कि रिलायंस ने पिछले 10 वर्षों में विश्व स्तरीय संपत्ति बनाने के लिए पूरे भारत में 150 अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश किया है, इसमें से एक तिहाई से अधिक का निवेश अकेले गुजरात में किया गया है। 

गुजरात के लिए किये 5 वादे

–पहला रिलायंस अगले 10 वर्षों में महत्वपूर्ण निवेश के साथ गुजरात की विकास गाथा में अग्रणी भूमिका निभाना जारी रखेगा, विशेष रूप से, रिलायंस गुजरात को हरित विकास में वैश्विक नेता बनाने में प्रमुख भूमिका निभाएगा। “हम वर्ष 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा के माध्यम से गुजरात की आधी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लक्ष्य में मदद करेंगे।”

–दूसरा उन्होंने बताया कि जामनगर में 5000 एकड़ का धीरूभाई एनर्जी गीगा कॉम्प्लेक्स बन रहा है जो 2024 की दूसरी छमाही में चालू होने के लिए तैयार हो जाएगा। दूसरा, 5G के सबसे तेज रोलआउट के कारण, आज गुजरात पूरी तरह से 5G सक्षम है। इससे गुजरात डिजिटल डेटा प्लेटफॉर्म और एआई अपनाने में अग्रणी बन जाएगा। 
–तीसरा रिलायंस रिटेल गुणवत्तापूर्ण उत्पाद लाने और लाखों किसानों और छोटे व्यापारियों की मदद करने के लिए अपने पदचिह्न का विस्तार करेगा। 

–चौथा उन्होंने कहा कि रिलायंस गुजरात को नई सामग्रियों और सर्कुलर अर्थव्यवस्था में अग्रणी बनाएगी। समूह हजीरा में विश्व स्तरीय कार्बन फाइबर सुविधा स्थापित कर रहा है।

–उन्होंने कहा कि 2036 ओलंपिक के लिए बोली लगाने की प्रधानमंत्री की घोषणा के अनुसार, रिलायंस और रिलायंस फाउंडेशन गुजरात में खेल, शिक्षा और कौशल बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए कई अन्य भागीदारों के साथ मिलकर काम करेंगे। 

 '2047 तक 35 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की ओर'
उन्होंने आगे कहा कि “आज का भारत वास्तव में युवा पीढ़ी के लिए अर्थव्यवस्था में प्रवेश करने, नवाचार करने और लाखों लोगों को जीवन जीने में आसानी और कमाई में आसानी प्रदान करने का सबसे अच्छा समय है। आने वाली पीढ़ियां राष्ट्रवादी और अंतर्राष्ट्रीयवादी दोनों होने के लिए प्रधान मंत्री की आभारी रहेंगी। आपने विकसित भारत के लिए एक ठोस नींव रखी है।” उन्होंने यह कहकर निष्कर्ष निकाला कि दुनिया की कोई भी ताकत भारत को 2047 तक 35 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने से नहीं रोक सकती और मैं अकेले गुजरात को 3 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनते हुए देख रहा हूं। प्रत्येक गुजराती और प्रत्येक भारतीय को विश्वास है कि मोदी युग भारत को समृद्धि, प्रगति और गौरव के नए शिखर पर ले जाएगा।''

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आखरी अपडेट: 30th Jan 2025