प्रतिक्रिया | Sunday, February 02, 2025

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11/08/23 | 8:37 am

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विनिर्माण क्षेत्र की नई महाशक्ति बनकर उभर रहा भारत, ‘मेक इन इंडिया’ से हो रहा सब संभव

भारत सरकार के नए प्रयासों एवं पहलों की मदद से निर्माण क्षेत्र में काफी सुधार हुआ है। निर्माण को बढ़ावा देने एवं संवर्धन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितम्बर 2014 को 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम की शुरुआत की थी ताकि इस कार्यक्रम से भारत को महत्वपूर्ण निवेश एवं निर्माण, संरचना तथा अभिनव प्रयोगों के वैश्विक केंद्र के रूप में बदला जा सके। अपने लॉन्च के बाद से ही मेक इन इंडिया पहल ने महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं और वर्तमान में मेक इन इंडिया 2.0 के तहत 27 क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया है जिसे विभिन्न मंत्रालयों, विभागों, केंद्र सरकार और राज्य सरकारों में लागू किया गया है।

क्या हैं मेक इन इंडिया ? 

सरकार का लक्ष्य देश में संस्थाओं के साथ-साथ अपेक्षित सुविधाओं के विकास द्वारा व्यापार के लिए मजबूत बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना है। सरकार व्यापार संस्थाओं के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराने के लिए औद्योगिक गलियारों और स्मार्ट सिटी का विकास करना चाहती है। मेक इन इंडिया देश में निवेश को सुविधाजनक बनाना, नवप्रयोग को बढ़ावा देना, कौशल विकास में वृद्धि करना, बौद्धिक संपदा को सुरक्षा देना तथा सर्वोत्तम श्रेणी का मैन्युफैक्चरिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्मित करने का काम करता है। मेक इन इंडिया कार्यक्रम को सहयोगात्मक प्रयासों को आधार बनाकर शुरू किया गया है। इसमें केंद्रीय मंत्रियों, भारत सरकार के सचिवों, राज्य सरकारों, उद्योग लीडरों और विभिन्न ज्ञान साझेदारों का सहयोग लिया गया है। 

मेक इन इंडिया अभियान से भारतीय अर्थव्यवस्था को मिली मजबूती  

'मेक इन इंडिया' मुख्यत: निर्माण क्षेत्र पर केंद्रित है लेकिन इसका उद्देश्य देश में उद्यमशीलता को बढ़ावा देना भी है। इसका दृष्टिकोण निवेश के लिए अनुकूल माहौल बनाना, आधुनिक और कुशल बुनियादी संरचना, विदेशी निवेश के लिए नए क्षेत्रों को खोलना और सरकार एवं उद्योग के बीच एक साझेदारी का निर्माण करना है। इस अभियान की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था देश में मजबूत विकास और व्यापार के समग्र दृष्टिकोण में सुधार और निवेश के संकेत के साथ आशावादी रूप से बढ़ रही है। सरकार के नए प्रयासों एवं पहलों की मदद से निर्माण क्षेत्र में काफी सुधार हुआ है।   

आर्थिक स्थिति में सुधार लाने लिए सरकार ने की कई नीतिगत पहल 

“मेक इन इंडिया” में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए सबसे महत्वपूर्ण अकेले कारक के रूप में ‘ease of doing business’ (कारोबार करने की आसानी) की पहचान की गई है। सरकार ने आर्थिक स्थिति में सुधार लाने और कोविड-19 के कारण उत्पन्न व्यवधान को विकास के अवसर में बदलने के लिए कई नीतिगत पहल की हैं। इनमें आत्मनिर्भर भारत पैकेज, चौदह (14) क्षेत्रों में उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना की शुरुआत, राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (एनआईपी) और राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी), भारत औद्योगिक भूमि बैंक (आईआईएलबी), औद्योगिक पार्क के तहत निवेश के अवसर, रेटिंग सिस्टम (आईपीआरएस), नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम (एनएसडब्ल्यूएस) का सॉफ्ट लॉन्च, आदि शामिल हैं। सभी संबंधित मंत्रालयों और विभागों में प्रोजेक्ट डेवलपमेंट सेल (पीडीसी) के रूप में निवेश को फास्ट-ट्रैक करने के लिए एक संस्थागत तंत्र स्थापित किया गया है। 

सरकार ने भारत में व्यवसाय करने की प्रक्रिया को बनाया सरल

सरकार ने भारत में व्यवसाय करने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए कई कदम उठाये हैं। कई नियमों एवं प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया है एवं कई वस्तुओं को लाइसेंस की जरूरतों से हटाया गया है। राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन- बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडो में खुलती है के माध्यम से कुशल मानव शक्ति प्रदान करने के प्रयास किये जा रहे हैं। पेटेंट एवं ट्रेडमार्क पंजीकरण प्रक्रिया के बेहतर प्रबंधन के माध्यम से अभिनव प्रयोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। कुछ प्रमुख क्षेत्रों को अब प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए खोल दिया गया है। रक्षा क्षेत्र में नीति को उदार बनाया गया है और एफडीआई की सीमा को 26% से 49% तक बढ़ाया गया है। अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के लिए रक्षा क्षेत्र में 100% एफडीआई को अनुमति दी गई है। रेल बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निर्माण,संचालन और रखरखाव में स्वचालित मार्ग के तहत 100% एफडीआई की अनुमति दी गई है। बीमा और चिकित्सा उपकरणों के लिए उदारीकरण मानदंडों को भी मंजूरी दी गई है।

भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक 

वर्तमान में भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई बड़ी अर्थव्यवस्था है। आईएमएफ और विश्व बैंक जैसी अग्रणी एजेंसियों का अनुमान है कि आने वाले वर्षों में भी यही प्रवृत्ति जारी रहेगी। अनिश्चित वैश्विक आर्थिक माहौल में,भारत ने विश्व अर्थव्यवस्था के आधार के रूप में जबरदस्त लचीलापन दिखाया है। भारत हाल ही में दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक,2030 तक भारत दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हो सकता है।

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आखरी अपडेट: 1st Feb 2025