'सौभाग्य योजना' से देश की गरीब जनता के घर रोशन हो गए हैं। इस योजना के माध्यम से 2.86 करोड़ घरों को बिजली भी मिल चुकी है। वर्ष 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने 'सौभाग्य- प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना' का शुभारंभ किया था। स्वतंत्रता हासिल करने के दशकों बीत जाने के बाद भी देश के सुदूर ग्रामीण इलाकों में एक वक्त भी बिजली नहीं पहुंच रही थी। इस समस्या का निराकरण करने के लिए ही केंद्र सरकार ने सौभाग्य स्कीम को लॉन्च किया। जहां बिजली के मीटर तो क्या एक तार तक नहीं पहुंचा था, वहां मीटर से लेकर बिजली पहुंचाने का काम इस योजना के माध्यम से पूर्ण किया गया। इस योजना के संबंध में एक प्रश्न पर सोमवार को केंद्रीय ऊर्जा और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ने लिखित उत्तर दिया है।
क्या है सौभाग्य- प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना?
सौभाग्य- प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना को अंत्योदय के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी समारोह के अवसर पर पीएम मोदी द्वारा शुरू किया गया था। इसका मूल उद्देश्य अभावग्रस्त क्षेत्रों तक बिजली कनेक्शन प्रदान कर सार्वभौमिक घरेलू विद्युतीकरण के लक्ष्य को प्राप्त करना था। देश के ग्रामीण क्षेत्रों में सभी गैर-विद्युतीकृत परिवारों और शहरी क्षेत्रों में सभी गरीब परिवारों के लिए इस योजना को लाना काफी सार्थक प्रयास साबित हुआ। इसके बारे में राज्यों ने बताया कि कुछ घरों का विद्युतीकरण होना फिलहाल बाकी है, जिसके विपरीत, राज्यों ने 4.43 लाख घरों के विद्युतीकरण पूरे होने की जानकारी केंद्र को दी। इसके पश्चात् कुल 2.86 करोड़ घरों का विद्युतीकरण किया गया। यह योजना 31 मार्च 2022 तक अपने अस्तित्व में थी। सौभाग्य पोर्टल के अनुसार, योजना अवधि के दौरान कुल 29 राज्य इससे लाभान्वित हुए जिसका सारा कामकाज, देखरेख करने वाला और कार्यान्वयन प्राधिकारी विद्युत मंत्रालय था।
क्या हैं सौभाग्य योजना के लाभ?
यह योजना गरीब तबके तक बहुत सुलभता से बिजली पहुंचाने पर केंद्रित है। इसी के जरिए आर्थिक रूप से गरीब घरों को निःशुल्क मीटर कनेक्शन मिला है। गरीबों को छोड़कर अन्य घरों को 500 रुपये (10 मासिक किश्तों में विद्युत बिलों में समायोजित) का शुल्क देय होगा। काम में ढिलाई न बरती जाए उसके लिए मौके पर पंजीकरण के लिए गांवों में शिविरों की स्थापना भी की गई। इसके परिणामस्वरूप प्रत्येक ग्रामीण क्षेत्र में युद्ध स्तर पर काम हुआ और बिजली पाने के सपने को उन्हें हकीकत में बदलते हुए देखा। भविष्य में कोई तकलीफ या तकनीकी खराबी से आम जनमानस को परेशानी न हो इसके लिए दूरस्थ/कठिन क्षेत्रों में स्थित घरों के लिए एसपीवी आधारित स्टैंडअलोन सिस्टम की भी सुविधा प्रदान की गई है।
केन्द्रीय मंत्री ने संसद में लिखित जवाब दिया
केंद्रीय ऊर्जा और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने “सौभाग्य योजना” के कार्यान्वयन की स्थिति के बारे में संसद सत्र ने जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में सभी गैर-विद्युतीकृत घरों और शहरी क्षेत्रों में सभी गरीब घरों को बिजली कनेक्शन प्रदान करके सार्वभौमिक घरेलू विद्युतीकरण प्राप्त करने के उद्देश्य से अक्टूबर, 2017 में सौभाग्य- प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना शुरू की। सौभाग्य के तत्वावधान में, 31.03.2019 तक, छत्तीसगढ़ के वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) प्रभावित क्षेत्रों में 18,734 घरों को छोड़कर, सभी घरों को राज्यों द्वारा विद्युतीकृत किया गया था। इसके बाद, सात राज्यों असम, छत्तीसगढ़, झारखंड, कर्नाटक, मणिपुर, राजस्थान और उत्तर प्रदेश ने 31.03.2019 से पहले पहचाने गए लगभग 19.09 लाख गैर-विद्युतीकृत घरों की सूचना दी, जो पहले अनिच्छुक थे लेकिन बाद में बिजली कनेक्शन लेने की इच्छा व्यक्त की। इसे मंजूरी भी दे दी गई। इन सभी सात राज्यों ने 31.03.2021 तक 100% घरेलू विद्युतीकरण की सूचना दी थी। सौभाग्य के लॉन्च के बाद से 31.03.2021 तक कुल 2.817 करोड़ घरों का विद्युतीकरण किया गया है।