प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दक्षिण अमेरिकी देश गुयाना की राजकीय यात्रा के दौरान भारत और गुयाना ने 10 महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किए। इन समझौतों में ऊर्जा, कृषि, स्वास्थ्य, डिजिटल बदलाव और सांस्कृतिक सहयोग जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र शामिल हैं।
दोनों देशों के बीच सबसे अहम समझौता हाइड्रोकार्बन के क्षेत्र में हुआ, जिसमें कच्चे तेल की आपूर्ति, प्राकृतिक गैस, बुनियादी ढांचे के विकास और क्षमता निर्माण के सहयोग पर सहमति बनी। यह समझौता भारत की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करेगा।
वहीं कृषि क्षेत्र में दोनों देशों ने वैज्ञानिक जानकारी, संसाधनों और विशेषज्ञों के आदान-प्रदान के जरिए कृषि और संबंधित उद्योगों को बेहतर बनाने पर सहमति जताई। इस बीच तीन वर्षीय सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम (2024-27) पर भी हस्ताक्षर हुआ जो थिएटर, संगीत, ललित कला, साहित्य और संग्रहालय विकास जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देगा। यह दोनों देशों के सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करेगा।
स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारतीय फार्माकोपिया पर सहमति बनी, जिससे दोनों देशों के स्वास्थ्य मंत्रालय दवाओं के नियमन और सर्वोत्तम प्रक्रियाओं को साझा कर सकेंगे। वहीं जनऔषधि योजना (PMBJP) के तहत एक समझौते हुआ जो CARICOM देशों को सस्ती दवाएं उपलब्ध कराने में मदद करेगा। मेडिकल उत्पादों के क्षेत्र में एक और समझौता हुआ, जिससे दवाओं, चिकित्सा उपकरणों और जैविक उत्पादों के निर्माण और नियमन में सहयोग बढ़ेगा।
डिजिटल बदलाव के लिए इंडिया स्टैक MoU पर हस्ताक्षर हुआ जो भारत के सफल डिजिटल समाधानों को साझा करने और क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण और पायलट प्रोजेक्ट्स पर केंद्रित है। इसके साथ ही, गुयाना में यूपीआई जैसी डिजिटल भुगतान प्रणाली लागू करने के लिए भी सहमति बनी।
प्रसार भारती और गुयाना के नेशनल कम्युनिकेशन नेटवर्क के बीच हुए समझौते में संस्कृति, विज्ञान, खेल और समाचार प्रसारण के क्षेत्र में सहयोग और सामग्री साझा करने पर सहमति बनी।
आखिर में, गुयाना के नेशनल डिफेंस इंस्टीट्यूट (NDI) और भारत के राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (RRU) के बीच एक समझौता हुआ जो राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा अध्ययन में शोध, शिक्षा और प्रशिक्षण को बढ़ावा देगा।
ये सभी समझौते दोनों देशों के बीच संबंधों को गहरा करने और साझा हितों को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।