दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे सफल सार्वजनिक स्वास्थ्य पहलों में से एक स्वच्छ भारत अभियान को 10 साल पूरे होने जा रहें है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त, 2014 को लाल किले से स्वच्छ भारत अभियान की घोषणा की थी। इसके बाद 2 अक्टूबर, 2014 को स्वच्छ भारत अभियान देश भर में व्यापक तौर पर राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में शुरू किया गया। स्वच्छ भारत अभियान एक परिवर्तनकारी पहल रही जिसने भारत में स्वच्छता में क्रांति ला दी है, जिससे व्यापक सार्वजनिक स्वास्थ्य लाभ प्राप्त हुए हैं। लाखों शौचालय उपलब्ध कराकर, शिशु मृत्यु दर को कम करके और महिलाओं की सुरक्षा में सुधार करके, इस अभियान ने भारतीयों के जीवन पर गहरा प्रभाव डाला है।
स्वच्छ भारत अभियान के प्रमुख उद्देश्य
इस अभियान के प्रमुख उद्देश्य खुले में शौच को खत्म करना, हर घर में शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराना, ठोस और तरल अपशिष्ट का प्रबंधन करना, पेयजल की पर्याप्त और सुरक्षित आपूर्ति सुनिश्चित करना,सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार लाना, जलजनित रोगों के खतरे को कम करना एवं स्वच्छता और स्वास्थ्य से जुड़ी प्रथाओं को बढ़ावा देना रहा।
शिशु मृत्यु दर में कमी, डायरिया से मौतों में कमी एवं वार्षिक बचत भी
दुनिया की प्रमुख बहु-विषयक विज्ञान पत्रिका नेचर में प्रमुख विशेषज्ञों द्वारा प्रकाशित एक हालिया अध्ययन से पता चलता है कि इस अभियान से सालाना 60,000-70,000 शिशुओं की जान बच रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया कि 2014 की तुलना में 2019 में डायरिया से 3 लाख कम मौते हुई जिसका सीधा सम्बन्ध स्वछता से रहा। खुले में शौच से मुक्त गाँवों में रहने वाले परिवारों को स्वास्थ्य लगत पर प्रतिवर्ष औसतन 50 हज़ार रुपये की बचत भी हुई।
स्वच्छ भारत मिशन – ग्रामीण: चरण 1 (2014-2019)
स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण (एसबीएम-जी) का पहला चरण एक अभूतपूर्व पहल थी जिसने स्वच्छता प्रयासों में राष्ट्रव्यापी भागीदारी पर जोर दिया। स्वच्छ भारत मिशन – ग्रामीण: चरण 1 के तहत देशभर में 2014 – 15 से 2019 – 20 के बीच 10.14 करोड़ से अधिक व्यक्तिगत पारिवारिक शौचालयों का निर्माण किया गया।
स्वच्छ भारत मिशन – ग्रामीण: चरण II (2019-2025)
चरण I की सफलता के आधार पर, स्वच्छ भारत मिशन – ग्रामीण: चरण II को 2025 तक ODF स्थिति को बनाए रखने और ठोस और तरल अपशिष्ट का प्रबंधन करने के लिए शुरू किया गया था। इस चरण के तहत देशभर में लगभग – लगभग 1.5 करोड शौचालयों का निर्माण किया गया।
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत निर्मित शौचालयों की संख्या
2014 – 15 ( 2 अक्टूबर 2014 से 31 मार्च 2015 तक ) – 4014634
2015 – 16 – 11875079
2016 – 17 – 20531168
2017 – 18 – 27868827
2018 – 19 – 26154562
2019 – 20 – 11102888
2020 – 21 – 4888957
2021 – 22 – 2247159
2022 – 23 – 2727132
2023 – 24 – 3133663
2024 – 25 ( सितम्बर 2024 तक) – 19 लाख से अधिक
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की उपलब्धियां
देशभर में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत अब तक 11.65 करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण किया गया। अब तक , भारत भर में 5.87 लाख से अधिक गांवों ने ओडीएफ प्लस का दर्जा हासिल कर लिया है, जिसमें 3.92 लाख से अधिक गांवों ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली लागू की है और 4.95 लाख से अधिक गांवों ने तरल अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली स्थापित की है।
स्वच्छ भारत मिशन – शहरी
2 अक्टूबर 2014 को शुरू किए गए स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) ने भारत में शहरी स्वच्छता और सफाई में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। 100% खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) स्थिति प्राप्त करने , वैज्ञानिक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (एसडब्ल्यूएम) सुनिश्चित करने और ” जन आंदोलन ” (लोगों के आंदोलन) के माध्यम से व्यवहार परिवर्तन को आगे बढ़ाने पर केंद्रित एसबीएम-यू का दूरगामी प्रभाव पड़ा है। स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) पर 2014 से 2021 तक, राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के लिए मिशन आवंटन 13605.46 करोड़ रुपये था।
स्वच्छ भारत मिशन – शहरी 2.0
स्वच्छ भारत मिशन – शहरी 2.0, 1 अक्टूबर, 2021 को शुरू किया गया। जिसका उद्देश्य सभी शहरों के लिए कचरा मुक्त स्थिति प्राप्त करने के लिए कचरे को स्रोत से 100 प्रतिशत अलग करना, घर-घर संग्रह और कचरे के सभी अंशों के वैज्ञानिक प्रबंधन शामिल है। मिशन की अवधि 2021 – 26 है। स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) 2.0 के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए मिशन आवंटन 32516 करोड़ रूपये है।
स्वच्छ भारत अभियान (शहरी) की उपलब्धियां
63 लाख से अधिक व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों का निर्माण, 6.30 लाख से अधिक सामुदात्यिक एवं सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण, 4576 शहरों को ओडीएफ शहर का दर्जा, 3913 शहरो को ओडीएफ प्लस का दर्जा एवं 1429 शहरों को ओडीएफ प्लस प्लस का दर्जा।
स्वच्छ भारत अभियान की अंतर्राष्ट्रीय सराहना
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस अभियान की तारीफ करते हुए कहा था कि विभिन्न देश किस तरह से स्वच्छता सेवाएं सभी को मुहैया करा सकते हैं, ‘स्वच्छ भारत’ अभियान इसका एक अच्छा उदाहरण है। इसी तरह यूनिसेफ (UNICEF) ने स्वच्छ भारत अभियान की स्वास्थ्य और स्वच्छता से जुड़ी योजनाओं की तारीफ करते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान महात्मा गांधी को समर्पित किया, देशवासियों का समर्पित किया और उन्हें इसमें गर्व महसूस हुआ।
स्वच्छ भारत अभियान के लिए प्रधानमंत्री मोदी को अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को स्वच्छ भारत अभियान के लिए बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन द्वारा 24 सितम्बर 2019 को “ग्लोबल गोलकीपर” पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
कनिष्क मिश्रा- डीडी न्यूज़