सऊदी अरब के मक्का में हज के लिए पहुंचे जायरीनों पर गर्मी कहर बरपा रही है। 12 जून से 19 जून तक चलने वाली हज यात्रा में अब तक कुल 577 जायरीनों की मौत हो चुकी है। इसकी वजह सऊदी अरब में पड़ रही भीषण गर्मी बताई गई है।
गर्मी की वजह से बीमार करीब दो हजार तीर्थयात्रियों का किया जा रहा इलाज
द गार्जियन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, मरने वाले जायरीनों में 323 मिस्र और 60 जॉर्डन के हैं। इसके अलावा ईरान, इंडोनेशिया और सेनेगल के जायरीनों की भी मौत हुई है। मिस्र के विदेश मंत्री ने कल कहा था कि वे सऊदी के अधिकारियों के साथ मिलकर लापता लोगों को खोजने के लिए अभियान चला रहे हैं। सऊदी अरब ने कहा है कि गर्मी की वजह से बीमार करीब दो हजार तीर्थयात्रियों का इलाज किया जा रहा है।
जलवायु परिवर्तन का गहरा असर
द गार्जियन के अनुसार, 17 जून को मक्का की ग्रैंड मस्जिद में तापमान 51.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। सऊदी अरब के अधिकारियों के मुताबिक, मक्का में जलवायु परिवर्तन का गहरा असर हो रहा है। यहां हर 10 साल में औसत तापमान 0.4 डिग्री सेल्सियस बढ़ रहा है।
इससे पहले पिछले साल हज पर गए 240 जायरीनों की मौत हुई थी
इससे पहले पिछले साल हज पर गए 240 जायरीनों की मौत हुई थी। इनमें से ज्यादातर इंडोनेशिया के थे। सऊदी ने सभी यात्रियों को छाते इस्तेमाल करने की सलाह दी है। इसके अलावा उन्हें लगातार पानी पीने और धूप से बचने के लिए कहा जा रहा है। इस साल करीब 18 लाख तीर्थयात्री हज के लिए पहुंचे हैं। इनमें से 16 लाख लोग दूसरे देशों के हैं। (इनपुट-हिंदुस्थान समाचार)