देश में असंगठित श्रमिकों के लिए विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं तक पहुंच के लिए वन-स्टॉप-समाधान के रूप में ई-श्रम को विकसित करने पर, हाल ही में बजट घोषणा के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए, श्रम और रोजगार मंत्रालय ने 21 अक्टूबर 2024 को ई-श्रम- “वन-स्टॉप- समाधान” की शुरुआत की है। ई-श्रम पोर्टल पर 30.58 करोड़ से अधिक असंगठित श्रमिक पंजीकृत हैं। ई-श्रम पोर्टल पर 2024 में 1.23 करोड़ से अधिक श्रमिकों का पंजीकरण किया गया, वहीं औसतन 33,700 दैनिक पंजीकृत होते हैं। यह जानकारी केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
26 अगस्त 2021 को ईश्रम पोर्टल किया लॉन्च
श्रम और रोजगार मंत्रालय ने आधार के साथ जुड़े असंगठित श्रमिकों का एक व्यापक राष्ट्रीय डेटाबेस (एनडीयूडब्ल्यू) बनाने के लिए 26 अगस्त 2021 को ईश्रम पोर्टल (ईश्रम डॉट.जीओवी डॉट इन) लॉन्च किया। ई-श्रम पोर्टल का उद्देश्य, असंगठित श्रमिकों को, स्व-घोषणा के आधार पर एक यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) प्रदान करके उनका पंजीकरण करना और उनकी मदद करना है।
30.58 करोड़ से अधिक असंगठित श्रमिकों ने ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण कराया
आधिकारिक बयान के मुताबिक 28 जनवरी 2025 तक, 30.58 करोड़ से अधिक असंगठित श्रमिकों ने ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण कराया है। पिछले वर्ष के दौरान, यानी 1 जनवरी 2024 से 31 दिसंबर 2024 तक, ई-श्रम पोर्टल पर प्रति दिन औसतन 33.7 हजार पंजीकरण के साथ साल भर में 1.23 करोड़ से अधिक पंजीकरण दर्ज किए गए।
12 योजनाओं को पहले ही ई-श्रम के साथ एकीकृत/मैप किया जा चुका है
गौरतलब हो, अब तक विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों की 12 योजनाओं को पहले ही ई-श्रम के साथ एकीकृत/मैप किया जा चुका है, जिनमें प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई), प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई), आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम-स्वनिधि), पीएम आवास योजना- शहरी (पीएमएवाई-यू), पीएम आवास योजना- ग्रामीण (पीएमएवाई-जी), महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) शामिल हैं।
7 जनवरी 2025 को ई-श्रम पोर्टल को बहुभाषी बनाने की शुरूआत
आपको बता दें, ई-श्रम पोर्टल की पहुंच बढ़ाने के लिए, श्रम और रोजगार मंत्रालय ने भाषिणी प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हुए 7 जनवरी 2025 को ई-श्रम पोर्टल को बहुभाषी बनाने की शुरूआत की। इस पहल के बाद अब श्रमिकों को 22 भारतीय भाषाओं में ई-श्रम पोर्टल के साथ संपर्क का अवसर मिलता है, जिससे अवसरों तक पहुंच में सुधार हो रहा है और सभी के लिए समावेशिता को बढ़ावा भी मिल रहा है।
आइये आपको बता दें, ई-श्रम किस प्रकार से असंगठित श्रमिकों के कल्याण के लिए सुविधाएं प्रदान करता है-
– ई-श्रम को राष्ट्रीय कैरियर सेवा (एनसीएस) पोर्टल के साथ एकीकृत किया गया है। कोई भी असंगठित श्रमिक, अपने यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) का उपयोग करके एनसीएस पर पंजीकरण कर सकता है और उपयुक्त नौकरी के अवसरों की तलाश कर सकता है।
– ई-श्रम को प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन (पीएम-एसवाईएम) के साथ भी एकीकृत किया गया है। पीएम-एसवाईएम उन असंगठित श्रमिकों के लिए एक पेंशन योजना है, जिनकी आयु 18-40 वर्ष के बीच है। इसके ज़रिए 60 वर्ष की आयु के बाद श्रमिक को 3000/- रुपए की मासिक पेंशन का प्रावधान है। यूएएन का उपयोग करके कोई भी असंगठित श्रमिक आसानी से पीएम-एसवाईएम के तहत पंजीकरण कर सकता है। योजना में 50 प्रतिशत अंशदान भारत सरकार द्वारा वहन किया जाता है तथा शेष अंशदान श्रमिक द्वारा किया जाता है।
-प्रवासी श्रमिकों के पारिवारिक विवरण प्राप्त करने के लिए ई-श्रम में प्रावधान जोड़ा गया है।
– संबंधित भवन और अन्य निर्माण श्रमिक (बीओसीडब्ल्यू) बोर्डों में उनके पंजीकरण की सुविधा के लिए, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ निर्माण श्रमिकों के डेटा को साझा करने के लिए ई-श्रम में प्रावधान जोड़ा गया है।
– असंगठित श्रमिकों को कौशल वृद्धि और प्रशिक्षुता के अवसर प्रदान करने के लिए, ई-श्रम को कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के स्किल इंडिया डिजिटल पोर्टल के साथ एकीकृत किया गया है।
– ई-श्रम को मायस्कीम पोर्टल के साथ भी एकीकृत किया गया है। मायस्कीम एक राष्ट्रीय मंच है, जिसका उद्देश्य सरकारी योजनाओं की एक ही जगह जानकारियां प्रदान करना है। यह नागरिक की योग्यता के आधार पर, योजना की जानकारी खोजने के लिए अभिनव और प्रौद्योगिकी आधारित समाधान प्रदान करता है।