केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने आज बुधवार को संसद में बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की केवल 6.68% आबादी ने आयकर रिटर्न (आईटीआर) भरा। इस दौरान कुल 8.09 करोड़ लोगों ने आईटीआर दाखिल किया जो पिछले साल की तुलना में करीब 69 लाख अधिक है।
पिछले वर्ष 2023 में 7.40 करोड़, 2022 में 6.96 करोड़ और 2021 में 6.72 करोड़ लोगों ने आयकर रिटर्न भरा था। वित्त वर्ष 2020 में यह आंकड़ा 6.48 करोड़ था। असेसमेंट ईयर 2023-24 के लिए 4.90 करोड़ लोगों ने अपनी आय को शून्य कर योग्य बताया जबकि पिछले साल यह संख्या 4.64 करोड़ थी।
बीते चार वर्षों में महिलाओं की भागीदारी में 25.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी
महिलाओं की भागीदारी में बीते चार वर्षों में 25.3% की बढ़ोतरी हुई। असेसमेंट ईयर 2019-20 में 1.83 करोड़ महिलाओं ने रिटर्न दाखिल किया था, जो 2023-24 में 2.29 करोड़ तक पहुंच गया। महाराष्ट्र में सबसे अधिक 36.83 लाख महिलाओं ने रिटर्न दाखिल किया। इसके बाद गुजरात में 22.50 लाख और उत्तर प्रदेश में 20.43 लाख महिलाओं ने आईटीआर भरा।
महिलाओं की बढ़ती भागीदारी यह दिखाती है कि वे आर्थिक रूप से अधिक सक्रिय हो रही हैं। आयकर रिटर्न फाइलिंग में बढ़ोतरी देश की आर्थिक जागरूकता और सक्रियता का संकेत है।