भारतीय वायु सेना के लिए 97 और लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) मार्क-1ए खरीदने के लिए रक्षा मंत्रालय ने टेंडर जारी कर दिया है। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के लिए जारी टेंडर की कीमत 65 हजार करोड़ रुपये से अधिक होने की उम्मीद है। यह स्वदेशी सैन्य हार्डवेयर के लिए सबसे बड़ा ऑर्डर होगा, क्योंकि 83 एलसीए मार्क-1ए के लिए पिछला ऑर्डर 48 हजार करोड़ रुपये का था।
भारतीय वायु सेना के लिए 83 तेजस मार्क-1ए फाइटर जेट के सौदे पर 03 फरवरी, 2021 को बेंगलुरु में एयरो इंडिया के दौरान हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ हस्ताक्षर हुए थे। तेजस एमके-1ए की आपूर्ति इसी साल से शुरू होगी और 2027 तक पूरे 83 विमान वायु सेना को मिल जाएंगे। इनमें 73 लड़ाकू विमान और 10 ट्रेनर विमान होंगे। वायु सेना को इसी सौदे का पहला ट्विन-सीटर ट्रेनर पिछले साल 04 अक्टूबर को एचएएल ने वायुसेना को सौंप दिया था।
वायु सेना की जरूरत को देखते हुए केंद्र सरकार ने लंबे इंतजार के बाद पिछले साल 30 नवंबर को 97 तेजस एमके-1ए खरीदने को मंजूरी दी थी। एचएएल के साथ अतिरिक्त 97 तेजस एमके-1ए के सौदे पर हस्ताक्षर होने के बाद कुल 180 विमानों का उत्पादन किया जाना है। एचएएल ने 83 विमानों का ऑर्डर मिलने पर प्रति वर्ष 16 जेट तैयार करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन 97 विमानों का और ऑर्डर मिलने पर प्रति वर्ष 32 जेट का उत्पादन करने की तैयारी है।
रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में एचएएल को निविदा जारी की गई थी और उन्हें इसका जवाब देने के लिए 3 महीने का समय दिया गया है। यह कार्यक्रम भारतीय वायुसेना को मिग-21, मिग-23 और मिग-27 के अपने बेड़े को बदलने में मदद करेगा। वायु सेना की जरूरतों को देखते हुए तैयार किये जा रहे एलसीए तेजस एमके-1ए फाइटर जेट में एवियोनिक्स, हथियार और रखरखाव में 43 तरह के सुधार किये गए हैं। एचएएल के मुताबिक अब तेजस एमके-1ए में अत्याधुनिक एईएसए रडार होगा, जो तेजस एमके-1 के इजरायली ईएल/एम-2032 राडार से बेहतर होगा।
उल्लेखनीय है, पहले बैच में इजरायली ईएल/एम-2052 राडार होगा, जबकि बाकी में स्वदेशी ‘उत्तम’ राडार होगा। तेजस एमके-1ए में इजरायली ईएलएल-8222 जैमर पॉड होगा, जो बीवीआर या एसएएम मिसाइलों के राडार सिग्नल को बाधित करेगा। आधुनिक वायु युद्ध के लिहाज से यह सुधार काफी महत्वपूर्ण है। तेजस एमके-1ए में युद्ध के लिए नजदीकी, बीवीआर और लंबी दूरी की बीवीआर बेहतर मिसाइलें होंगी। इसमें हवा से जमीन पर हमला करने के लिए 500 किलोग्राम एलजीबी और बिना गाइड वाले बम भी होंगे।
(इनपुट-हिन्दुस्थान समाचार)