डिजिटल इंडिया के जमाने में भारत हर रोज नई तरक्की कर रहा है। इसी क्रम में अब डिजिटल ओपीडी पंजीकरण सेवा के जरिए 1 करोड़ ओपीडी टोकन बनाए गए। खास बात ये है कि इसमें उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और जम्मू और कश्मीर शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्य बने हैं।
मरीजों को कतार के झंझट से मुक्ति
दरअसल, राज्यों ने सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में मरीजों के रजिस्ट्रेशन यानि पर्ची बनाने वाले काउंटरों पर लंबी-लंबी कतारें लगने से रोकने और रोगियों को बेहतर सेवा अनुभव प्रदान करने के लिए स्कैन और शेयर सेवा को तेजी से अपनाया है। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) पब्लिक डैशबोर्ड (https://dashboard.abdm.gov.in/abdm/) के आंकड़े के अनुसार दिल्ली, भोपाल और रायपुर शहरों में एम्स में इस सेवा का अधिकतम उपयोग किया जा रहा है।
साथ ही एबीएचए-आधारित स्कैन और शेयर सेवा का उपयोग कर ओपीडी टोकन बनाने वाले शीर्ष 15 अस्पतालों में से नौ कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के हैं। इस सेवा का उपयोग करने के मामले में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले सरकारी अस्पतालों में एम्स, नई दिल्ली, एसआरएन अस्पताल, प्रयागराज और एम्स रायपुर शामिल हैं।
अक्टूबर 2022 में शुरू की गई सेवा
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) ने एबीएचए-आधारित स्कैन और शेयर सेवा का उपयोग करके ओपीडी पंजीकरण के लिए 1 करोड़ से अधिक टोकन बनाने का एक बड़ा लक्ष्य हासिल कर लिया है। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के तहत अक्टूबर 2022 में शुरू की गई।
क्यूआर कोड को स्कैन कर रजिस्ट्रेशन की सुविधा
इस सेवा के तहत कागज विहीन सेवा मरीजों को आउट-पेशेंट डिपार्टमेंट (ओपीडी) रजिस्ट्रेशन काउंटर पर रखे गए क्यूआर कोड को स्कैन करने और तत्काल पंजीकरण के लिए अपनी एबीएचए प्रोफ़ाइल साझा करने की अनुमति देती है। यह सेवा इस समय भारत के 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 419 जिलों में 2,600 से अधिक स्वास्थ्य सुविधाओं में सक्रिय है।
स्कैन और शेयर सेवा एक सरल तकनीकी
ऐसी डिजिटल सेवाओं के महत्व के बारे में बात करते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने कहा, “एबीडीएम का लक्ष्य स्वास्थ्य सेवा वितरण में आसानी और दक्षता लाना है। ओपीडी काउंटरों पर स्कैन और शेयर सेवा एक सरल तकनीकी है, जो लगभग 1 लाख रोगियों के दैनिक आधार पर अस्पताल की कतारों में लगने वाले समय को बचाने में मदद कर रही है। स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं तक पहुंचने में मरीजों की परेशानी को कम करने के इरादे से हम इस सेवा का विस्तार फार्मेसी काउंटरों और प्रयोगशालाओं तक करने की योजना बना रहे हैं। हमारा प्रयास प्रौद्योगिकी का लाभ उठा कर वृद्ध रोगियों, गर्भवती महिलाओं और अन्य नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच बनाने में सहायता करना है। एबीएचए-आधारित पंजीकरण से मरीजों को उनके डिजिटल नुस्खों, फार्मेसी पर्चियों और डायग्नोस्टिक रिपोर्ट तक डिजिटल पहुंच बनाने में भी मदद मिलेगी।''