अमेरिका के न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में भारत का स्थायी मिशन और पंचायती राज मंत्रालय संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) के सहयोग से चल रहे “सतत विकास लक्ष्यों का स्थानीयकरण : भारत में स्थानीय प्रशासन में महिला नेतृत्व” विषय पर पांच दिवसीय कार्यक्रम का आज शुक्रवार को समापन होने जा रहा है।
तीनों महिला प्रतिनिधियों को अपनी बात रखने का मिलेगा मौका
इस दौरान पंचायती राज संस्थानों की निर्वाचित तीन महिला प्रतिनिधि अपना विचार रखेंगी। पीआईबी के मुताबिक तीनों महिला प्रतिनिधियों को जनसंख्या और विकास आयोग (सीपीडी57) के 57वें सत्र में अपनी बात रखने का मौका मिलेगा।
पीआईबी के मुताबिक भारत में ग्रामीण स्थानीय स्वशासन से निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों का प्रतिनिधित्व करने के लिए इस कार्यक्रम में त्रिपुरा के सिपाहीजला जिला परिषद की सभाधिपति सुप्रिया दास दत्ता, आंध्र प्रदेश के पेकेरू ग्रांम पंचायत की सरपंच कुनुकु हेमा कुमारी और राजस्थान के लांबी अहीर ग्राम पंचायत की सरंपच नीरू यादव को मौका मिला है। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय के सचिव विवेक भारद्वाज कर रहे हैं।
आज रात 10:45 बजे कार्यक्रम की होगी लाइवस्ट्रीम
“एसडीजी का स्थानीयकरण: भारत में स्थानीय प्रशासन में महिला नेतृत्व” शीर्षक वाला यह कार्यक्रम जमीनी स्तर के राजनीतिक नेतृत्व में भारतीय महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करती है। साथ ही जमीनी स्तर पर सतत विकास में उनके महत्वपूर्ण योगदान पर जोर देगा। इस महत्वपूर्ण अवसर को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय से भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय के सोशल मीडिया पेजों पर तीन मई (शुक्रवार) की भारतीय समयानुसार रात 10:45 बजे पर लाइवस्ट्रीम किया जाएगा। इसके माध्यम से वैश्विक दर्शकों को महिला सशक्तिकरण के इस प्रेरणादायक प्रदर्शन और अभिव्यक्ति को देखने का मौका मिलेगा।
संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि राजदूत रुचिरा कंबोज ने लैंगिक समानता को आगे बढ़ाने में पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई) की महत्वपूर्ण भूमिका और जमीनी स्तर के शासन में महिला नेतृत्व के महत्व पर प्रकाश डालते हुए इस कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगी। राजदूत कंबोज के संबोधन के बाद पंचायती राज सचिव विवेक भारद्वाज पंचायती राज संस्थानों की रणनीतियों पर चर्चा करेंगे।
इस कार्यक्रम में तीन प्रतिष्ठित निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों के साथ पैनल चर्चा भी होगी। सुप्रिया दास दत्ता समावेशी विकास को सक्षम करने में पंचायतों में महिला नेतृत्व की भूमिका पर अंतर्दृष्टि साझा करेंगी। कुनुकु हेमा कुमारी सामाजिक क्षेत्र के कार्यक्रमों को चलाने में पंचायत की भूमिका पर प्रकाश डालेंगी। नीरू यादव महिलाओं और लड़कियों के अनुकूल पंचायतों को तैयार करने में अपना अनुभव साझा करेंगी।
इस कार्यक्रम में यूएनएफपीए के एशिया प्रशांत क्षेत्रीय निदेशक पियो स्मिथ, यूएनएफपीए के भारत प्रतिनिधि सुश्री एंड्रिया एम. वोज्नार और एमओपीआर के संयुक्त सचिव आलोक प्रेम नागर भी मौजूद रहेंगे। गौरतलब है कि निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों ने जमीनी स्तर पर सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस मामले में भारत वैश्विक स्तर पर सबसे आगे है, जिसमें 1.4 मिलियन महिलाएं पंचायती राज संस्थानों और ग्रामीण स्थानीय निकायों के निर्वाचित सदस्यों के रूप में कार्यरत हैं। उल्लेखनीय है कि अपनी जी-20 अध्यक्षता के दौरान भारत महिला सशक्तिकरण पर कार्यसमूह की स्थापना करके लैंगिक समानता और महिलाओं के नेतृत्व में विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि कर चुका है। सुप्रिया दास दत्ता ने फार्मेसी में डिप्लोमा किया है। कुनुकु हेमा कुमारी ने टेक्नोलॉजी में मास्टर डिग्री हासिल की है। नीरू यादव के पास गणित और शिक्षा में मास्टर डिग्री है। इस समय वह पीएचडी भी कर रही हैं।