सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा (AFMS) ने सोमवार (22 अप्रैल) को आईआईटी-दिल्ली के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया। समझौता ज्ञापन का मकसद एएफएमएस और आईआईटी- दिल्ली का साथ में रिसर्च और ट्रेनिंग करना है। इस समझौते पर सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल दलजीत सिंह और आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर रंगन बनर्जी ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर, सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल दलजीत सिंह ने बताया कि एएफएमएस सैनिकों को उच्चतम स्तर की चिकित्सा देखभाल प्रदान करने के लिए समर्पित है और आईआईटी जैसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों के साथ सहयोग इस प्रतिबद्धता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि एएफएमएस और आईआईटी दिल्ली ने सोमवार को सहयोगात्मक अनुसंधान और प्रशिक्षण के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस समझौता ज्ञापन के दायरे में नवीन चिकित्सा उपकरणों को विकसित करने के लिए अनुसंधान और नवाचार करना तथा विभिन्न इलाकों में सेवारत सैनिकों से संबंधित स्वास्थ्य मुद्दों को हल करने पर ध्यान केंद्रित करना शामिल है।
ज्ञात हो कि आईआईटी (IIT) दिल्ली के पास एक मजबूत बायोमेडिकल अनुसंधान इको-सिस्टम है, जो सशस्त्र बलों में सामना की जाने वाली विविध चिकित्सा चुनौतियों में अनुसंधान के लिए आवश्यक तकनीकी विशेषज्ञता प्रदान करने के लिए आदर्श है, जिसमें दिव्यांगों का पुनर्वास भी शामिल है। इस समझौता ज्ञापन के दायरे में, फैकल्टी एक्सचेंज प्रोग्राम, संयुक्त शैक्षणिक गतिविधियों और संयुक्त पीएचडी कार्यक्रमों को विकसित करने की भी योजना बनाई जाएगी।
इस अवसर पर, सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल दलजीत सिंह ने बताया कि एएफएमएस सैनिकों को उच्चतम स्तर की चिकित्सा देखभाल प्रदान करने के लिए समर्पित है और आईआईटी जैसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों के साथ सहयोग इस प्रतिबद्धता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर रंगन बनर्जी ने कहा कि यह समझौता ज्ञापन राष्ट्र और सशस्त्र बलों के लिए लाभकारी अनुसंधान और प्रशिक्षण की संभावनाओं से भरा है।