प्रतिक्रिया | Sunday, December 22, 2024

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प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और धानुका एग्रीटेक लिमिटेड के बीच हुआ समझौता

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) और धानुका एग्रीटेक लिमिटेड ने एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। आईसीएआर के उप-महानिदेशक (कृषि विस्तार) डॉ. यू.एस् गौतम और धानुका एग्रीटेक लिमिटेड के अध्यक्ष डॉ. आर.जी. अग्रवाल ने 19 मार्च को संबद्ध संगठनों की ओर से इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते का उद्देश्य दोनों संस्थानों की दक्षता का उपयोग कर किसानों तक नई तकनीक पहुंचाना और बदलते परिवेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना है।

इस बारे में कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय ने आज जारी एक बयान में जानकारी दी। मंत्रालय ने बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और धानुका एग्रीटेक लिमिटेड के बीच समझौता ज्ञापन एक पर हस्ताक्षर हुए है। इस मौके पर आईसीएआर के उप-महानिदेशक (कृषि विस्तार) डॉ. यू.एस् गौतम ने डॉ. गौतम ने कहा कि इस समझौते का उद्देश्य दोनों संस्थानों की दक्षता का उपयोग कर किसानों तक नई तकनीक पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि देशभर में 14.5 करोड़ से ज्यादा किसान हैं, जिनमें से अधिकतर किसानों के पास छोटी भूमि जोत है। धानुका एग्रीटेक केंद्रीय संस्थानों, अटारी और कृषि विज्ञान केन्‍द्र के साथ जुड़कर इन छोटे किसानों को कृषि उत्पादन से संबंधित प्रशिक्षण प्रदान करेगा।

डॉ. गौतम ने कहा कि आज पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना कर रही है और भारत भी इससे अछूता नहीं है। ऐसे समय में दोनों संस्थानों को मिलकर कृषि उत्पादन की एक नई पद्धति पर काम करने की आवश्‍यकता है और यह पद्धति है – जलवायु-मैत्री। उन्होंने कहा कि इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य बदलते परिवेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना है।

धानुका एग्रीटेक लिमिटेड के अध्यक्ष डॉ. आर.जी. अग्रवाल ने कहा कि धानुका एग्रीटेक आईसीएआर-अटारी और कृषि विज्ञान केन्‍द्र के सहयोग से किसानों को सलाहकार सेवा प्रदान और प्रशिक्षित करेगा।

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आखरी अपडेट: 22nd Dec 2024