प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार (8 अक्टूबर) वायुसेना दिवस के अवसर पर भारतीय वायुसेना के सदस्यों और उनके परिजनों को बधाई दी है। सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर एक पोस्ट में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “वायुसेना दिवस के अवसर पर, साहसी वायु योद्धाओं और उनके परिवारों को मेरी बधाई। नभः स्पृशं दीप्तम् के अपने आदर्श वाक्य के अनुरूप, भारतीय वायु सेना ने दशकों से असाधारण निपुणता का परिचय दिया है। उन्होंने राष्ट्र को सुरक्षित किया है और आपदाओं के दौरान उल्लेखनीय मानवीय भावना भी दिखाई है।”
आज 8 अक्टूबर को देश वायुसेना दिवस मना रहा है। भारतीय वायुसेना की 92वीं वर्षगांठ का थीम है “भारतीय वायुसेना: सक्षम, सशक्त और आत्मनिर्भर,” जो राष्ट्रीय रक्षा में उसकी शक्ति और आत्मनिर्भरता को दर्शाता है। वायु सेना दिवस परेड आज तमिलनाडु के चेन्नई में तांबरम वायु सेना स्टेशन पर आयोजित की जा रही है। एयर शो के दौरान बहत्तर विमान हवाई करतब दिखा रहे हैं, जिनमें सबसे पुराने और नवीनतम लड़ाकू विमान और लड़ाकू हेलीकॉप्टर शामिल हैं।
पीएम मोदी ने भारतीय वायुसेना (IAF) के सदस्यों और उनके परिजनों को बधाई देते हुए एक्स पोस्ट में कहा कि वायुसेना दिवस के अवसर पर, साहसी वायु योद्धाओं और उनके परिवारों को मेरी बधाई। नभः स्पृशं दीप्तम् के अपने आदर्श वाक्य के अनुरूप, भारतीय वायु सेना ने दशकों से असाधारण निपुणता का परिचय दिया है। उन्होंने राष्ट्र को सुरक्षित किया है और आपदाओं के दौरान उल्लेखनीय मानवीय भावना भी दिखाई है।
आपको बता दें कि भारतीय वायुसेना के पास मित्र देशों के साथ अंतरराष्ट्रीय हवाई अभ्यासों में नियमित और सफल भागीदारी का समृद्ध इतिहास है। भारतीय वायुसेना ने देश द्वारा लड़े गए सभी युद्धों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, दंडात्मक हवाई हमले किए हैं, संघर्ष क्षेत्रों से प्रवासी भारतीयों को निकाला है और सीमाओं के भीतर और बाहर मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) मिशनों के माध्यम से राहत प्रदान की है। इसने वैश्विक वायु सेनाओं के साथ पर्याप्त रूप से अंतर-संचालन क्षमता का प्रदर्शन किया है, जिससे हमारे निकट पड़ोस और हमारे विस्तारित वातावरण में भी प्रभावी ढंग से संचालन करने की इसकी क्षमता विश्वसनीय रूप से स्थापित हुई है।
भारतीय वायु सेना ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत स्वदेशी रक्षा उत्पादन के माध्यम से क्षमता विकास को प्रोत्साहित किया है। इलेक्ट्रॉनिक युद्ध के रूप में बल गुणकों की क्षमता वृद्धि की दिशा में सराहनीय प्रयास किया गया है, कल के युद्ध से लड़ने के लिए अंतरिक्ष और साइबर क्षमताओं का उपयोग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-आधारित निर्णय उपकरण और स्वार्म मानवरहित युद्ध प्रणाली जैसी नवीनतम तकनीक को शामिल करने वाली प्रणालियां है।