हैदराबाद के डुंडीगुल स्थित वायु सेना अकादमी में 15 जून को 213 अधिकारियों के पाठ्यक्रम की कंबाइंड ग्रेजुएशन परेड होगी। पारंपरिक सैन्य भव्यता के साथ वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी परेड के समीक्षा अधिकारी (आरओ) होंगे। यह परेड भारतीय वायु सेना की फ्लाइंग और ग्राउंड ड्यूटी शाखाओं के फ्लाइट कैडेटों के प्री-कमीशनिंग प्रशिक्षण के सफल समापन को चिह्नित करने के लिए आयोजित की जाएगी।
ग्रेजुएट ट्रेनी को राष्ट्रपति का कमीशन प्रदान करेंगे
समारोह के दौरान समीक्षा अधिकारी ग्रेजुएट ट्रेनी को राष्ट्रपति का कमीशन प्रदान करेंगे। समारोह में उड़ान प्रशिक्षण पूरा करने वाले भारतीय नौसेना, भारतीय तटरक्षक बल और मित्र देशों के फ्लाइट कैडेट्स को ‘विंग्स’ दिए जायेंगे। कठिन प्रशिक्षण पूरा होने के नाते यह अवसर किसी भी सैन्य एविएटर के करियर में सबसे महत्त्वपूर्ण मील का पत्थर है। फ्लाइंग ब्रांच का फ्लाइट कैडेट ऑर्डर-ऑफ-मेरिट में प्रथम स्थान पर आता है, इसलिए उसे समग्र प्रशिक्षण में उत्कृष्टता के लिए चीफ ऑफ द एयर स्टाफ ‘स्वॉर्ड ऑफ ऑनर’ तथा राष्ट्रपति की पट्टिका से सम्मानित किया जाएगा।
प्रथम स्थान पर आने वाले ट्रेनी को राष्ट्रपति की पट्टिका प्रदान की जाएगी
समीक्षा अधिकारी ग्राउंड ड्यूटी शाखाओं के बीच समग्र ऑर्डर-ऑफ-मेरिट में प्रथम स्थान पर आने वाले ट्रेनी को राष्ट्रपति की पट्टिका भी प्रदान करेंगे। इस मौके पर पिलाटस पीसी-7 एमके-11, डोर्नियर, हॉक, किरण और चेतक विमानों की संरचनाओं के साथ रोमांचक फ्लाई पास्ट होगा। साथ ही कंबाइंड ग्रेजुएशन परेड के समापन पर पिलाटस पीसी-7 एमके-2, एसयू-30 एमकेआई, सूर्य किरण एरोबैटिक टीम और सारंग हेलीकॉप्टर डिस्प्ले टीम एरोबैटिक शो का प्रदर्शन करेगी।
वायु सेना के जवानों को तैयार करता है प्रशिक्षण प्रतिष्ठान
भारतीय वायु सेना का यह प्रमुख प्रशिक्षण प्रतिष्ठान वायु सेना के पायलटों, ग्राउंड ड्यूटी और तकनीकी अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण का उद्गम स्थल है। यह अकादमी औपचारिक रूप से तब अस्तित्व में आई, जब भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन ने 11 अक्टूबर, 1967 को इसकी आधारशिला रखी। इस अकादमी में प्रशिक्षण का उद्देश्य सौहार्द की भावना को बढ़ावा देना और हर शाखा के अधिकारियों के बीच स्वस्थ बातचीत को प्रोत्साहित करना है।