प्रतिक्रिया | Monday, February 03, 2025

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भारतीय संगीत की विरासत का जश्न मनाने के लिए आकाशवाणी और संस्कृति मंत्रालय ने एक विशेष शास्त्रीय संगीत श्रृंखला, ‘हर कंठ में भारत’ के लोकार्पण के लिए हाथ मिलाया है। संस्कृति मंत्रालय और लोक सेवा प्रसारक, आकाशवाणी द्वारा संयुक्त रूप से प्रस्तुत यह श्रृंखला 16 फरवरी, 2025 तक प्रतिदिन सुबह 9:30 बजे देशभर के 21 स्टेशनों से एक साथ प्रसारित की जाएगी, जो देश के लगभग सभी हिस्सों को कवर करेगी।

वसंत पंचमी के पावन अवसर पर आकाशवाणी के प्रसारण केंद्र स्थित पं. रविशंकर संगीत स्टूडियो में एक विशेष समारोह में नए रेडियो कार्यक्रम शृंखला ‘हर कंठ में भारत’ का शुभारंभ किया गया। अपने विशेष उद्घाटन भाषण में प्रसार भारती के सीईओ गौरव द्विवेदी ने दशकों से पूरे देश में आकाशवाणी की शानदार, ऐतिहासिक भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस तरह की रचनात्मक साझेदारी नए रास्ते खोलने में मदद कर सकती है।

इसकी जानकारी देते हुए सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने बताया कि भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के सचिव अरुणेश चावला, प्रसार भारती के सीईओ गौरव द्विवेदी, आकाशवाणी के महानिदेशक डॉ. प्रज्ञा पालीवाल गौड़, संयुक्त सचिव संस्कृति अमिता प्रसाद सरभाई और दूरदर्शन की महानिदेशक कंचन प्रसाद ने रविवार सुबह 10:30 बजे विद्या की देवी सरस्वती की पूजा-अर्चना करने के साथ समारोह का औपचारिक शुभारंभ किया। ‘हर कंठ में भारत’ एपिसोड का डिजिटल रूप से अरुणेश चावला और गौरव द्विवेदी ने संयुक्त तौर पर उद्घाटन किया।

अपने विशेष उद्घाटन भाषण में, प्रसार भारती के सीईओ ने दशकों से पूरे देश में आकाशवाणी की शानदार, ऐतिहासिक भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस तरह की रचनात्मक साझेदारी नए रास्ते खोलने में मदद कर सकती है।

आकाशवाणी की महानिदेशक डॉ. प्रज्ञा पालीवाल गौड़ ने अपने स्वागत भाषण में, इस वर्ष वसंत पंचमी के अवसर के खगोलीय महत्व पर प्रकाश डाला, जो वसंत ऋतु के आगमन के साथ सरस्वती और लक्ष्मी के दुर्लभ संगम का प्रतीक है। उन्होंने ‘हर कंठ में भारत’ की अवधारणा और प्रसारण कार्यक्रम के बारे में चर्चा की। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि यह सहयोग आधारित प्रयास फलदायी साबित होगा।

वहीं, संस्कृति मंत्रालय के सचिव ने इस सहयोग के पीछे की दृष्टि के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने संस्कृति मंत्रालय द्वारा की गई विभिन्न पहलों के बारे में चर्चा की और वर्तमान एआई युग में प्रदर्शन कला के विभिन्न स्वरूपों को सुरक्षित और संरक्षित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

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आखरी अपडेट: 3rd Feb 2025