प्रतिक्रिया | Sunday, December 22, 2024

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Amarnath Yatra 2024 : तीर्थयात्रियों का पहला जत्था शुक्रवार को कश्मीर के लिए होगा रवाना, 29 जून से शुरू होगी यात्रा

29 जून से अमरनाथ यात्रा की शुरुआत हो रही है। ऐसे में अमरनाथ यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों का पहला जत्था शुक्रवार को जम्मू के भगवती नगर से कश्मीर के लिए रवाना होगा। यात्री पहले ही जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास पर पहुंचना शुरू हो चुके हैं, जहां से वह उत्तर कश्मीर के बालटाल और दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग बेस कैंप के लिए सुरक्षा गाड़ियों में रवाना होंगे।

 सुरक्षा गाड़ियों के साथ घाटी के लिए रवाना होगा पहला जत्था

अधिकारियों ने कहा कि यात्रियों का पहला जत्था शुक्रवार सुबह 4 बजे भगवती नगर यात्री निवास से सुरक्षा गाड़ियों के साथ घाटी के लिए रवाना होगा। लगभग 300 किलोमीटर लंबे जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग की सुरक्षा के लिए सैकड़ों सेन्ट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (सीएपीएफ) जवानों को ड्यूटी पर तैनात किया गया है। सीएपीएफ की और टीमें 85 किलोमीटर लंबे श्रीनगर-बालटाल बेस कैंप रोड और काजीगुंड-पहलगाम बेस कैंप रोड की सुरक्षा कर रही हैं। श्रीनगर-बालटाल मार्ग पर गांदरबल जिले के मणिगाम में और काजीगुंड-पहलगाम मार्ग पर मीर बाजार में यात्रा ट्रांजिट कैंप स्थापित किए हैं।

अमरनाथ यात्रा के लिए अबतक 3.50 लाख यात्रियों ने पंजीकरण कराया

इस साल की अमरनाथ यात्रा के लिए अब तक कुल 3.50 लाख यात्रियों ने पंजीकरण कराया है और गुफा के दोनों मार्गों पर 125 लंगर (सामुदायिक रसोई) स्थापित किए गए हैं। इन लंगरों में 7,000 से अधिक सेवादार यात्रियों की सेवा करेंगे। जम्मू के सरस्वती धाम व गीता भवन परेड में बुधवार से तत्काल रजिस्ट्रेशन के लिए टोकन जारी होना शुरू हो गए हैं।

बालटाल और पहलगाम से यात्रा के लिए एक-एक हजार टोकन 

पहले दिन बालटाल और पहलगाम से यात्रा करने वालों के लिए एक-एक हजार टोकन दिए गए हैं। गुरुवार सुबह सात बजे टोकन प्राप्त करने वाले यात्रियों का रजिस्ट्रेशन भी जारी है। बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए यात्रियों में उत्साह देखते ही बनता है। टोकन लेने के लिए जम्मू के सरस्वती धाम व गीता भवन में सुबह से ही लाइनें लग गईं थीं।

यात्रा मार्ग पर सुरक्षाबलों की तैनाती को बढ़ाया

बीते दिनों यात्री वाहनों पर हुए आतंकी हमले के मद्देनजर यात्रा मार्ग पर सुरक्षाबलों की तैनाती को बढ़ाया गया है। इसके साथ ही ड्रोन और 365 एंगल के सीसीटीवी कैमरों से यात्री वाहनों पर नजर रखी जा रही है। जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर हर 500 मीटर और एक किलोमीटर की दूरी पर सुरक्षा चौकियां स्थापित की गई हैं । इन पर 24 घंटे हथियारबंद जवान तैनात रहेंगे।

एक दिन पहले शाम सात बजे तक आधार शिविर में होना होगा दाखिल 

अमरनाथ यात्रा के लिए बड़ी संख्या में तीर्थ यात्री जम्मू पहुंचना शुरू हो गए हैं। यात्रियों के लिए गुरुवार सुबह रेलवे स्टेशन के पास वैष्णवी धाम, पंचायत भवन, महाजन हाल, पुरानी मंडी स्थित श्री राम मंदिर और गीताभवन (साधुओं के लिए) तत्काल पंजीकरण शुरू हो गया है। ऑनलाइन पंजीकरण करवाने वाले श्रद्धालु भी जत्थे में शामिल हो सकते हैं। आधार शिविर भगवती नगर के एक अधिकारी ने बताया कि जत्थे के श्रद्धालुओं को एक दिन पहले शाम सात बजे तक आधार शिविर में दाखिल होना होगा। श्रद्धालुओं के लिए वीरवार से आधार शिविर में आरएफआईडी काउंटर शुरू किया गया है। यात्रा की निर्धारित तिथि के मुताबिक ही श्रद्धालुओं को आधार शिविर में प्रवेश की अनुमति होगी।

तीर्थयात्रियों के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं भी उपलब्ध

पहलगाम और बालटाल दोनों मार्गों पर तीर्थयात्रियों के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं भी उपलब्ध हैं। इस वर्ष यात्रा के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, स्थानीय पुलिस, बीएसएफ और सीआरपीएफ से 38 पर्वतीय बचाव दल तैनात किए गए हैं। स्थानीय कुली, टट्टूवाले और मजदूर हर साल अमरनाथ यात्रा को सफल बनाने में अहम योगदान देते हैं।

पारंपरिक मार्ग 48 किमी और बालटाल-गुफा मंदिर मार्ग केवल 14 किमी लंबा

नुनवान (पहलगाम-गुफा मंदिर) पारंपरिक मार्ग 48 किलोमीटर लंबा है, जबकि बालटाल-गुफा मंदिर मार्ग केवल 14 किलोमीटर लंबा है। पारंपरिक नुनवान (पहलगाम-गुफा मंदिर) मार्ग का उपयोग करने वाले यात्रियों को गुफा मंदिर तक पहुंचने में चार दिन लगते हैं, जबकि छोटे बालटाल-गुफा मंदिर मार्ग का उपयोग करने वाले यात्री दर्शन कर उसी दिन बेस कैंप लौट आते हैं।

 गुफा में प्राकृतिक रूप से बनता है हिमशिवलिंग 

समुद्र तल से 3,888 मीटर ऊपर स्थित श्रीअमरनाथ गुफा में प्राकृतिक रूप से हिमशिवलिंग बनता है। भक्तों का मानना है कि बर्फ की यह संरचना भगवान शिव की पौराणिक शक्तियों का प्रतिनिधित्व करती है। इस वर्ष 52 दिवसीय यात्रा 29 जून से शुरू होगी और रक्षा बंधन तथा श्रावण पूर्णिमा के अवसर पर 19 अगस्त को समाप्त होगी।

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आखरी अपडेट: 22nd Dec 2024