केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज शुक्रवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने निर्देश दिया कि वे अपने-अपने राज्यों में रह रहे सभी पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान कर जल्द से जल्द पाकिस्तान वापस भेजने के लिए कदम उठाएं। इस फैसले के तहत भारत सरकार ने सभी प्रकार के वीजा को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है।
इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अपने आवास पर सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक भी करेंगे। इस बैठक में जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। सरकार ने पाकिस्तान को औपचारिक रूप से सिंधु जल संधि के निलंबन की सूचना दी है। जल शक्ति मंत्रालय की सचिव देवश्री मुखर्जी ने पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय के सचिव सैयद अली मुर्तजा को पत्र लिखकर इस निर्णय से अवगत कराया है। पत्र में भारत सरकार ने 1960 में हुई संधि में संशोधन की आवश्यकता जताई है।
पत्र में कहा गया है कि संधि लागू होने के बाद कई मूलभूत स्थितियां बदल चुकी हैं- जैसे जनसंख्या में बड़ा बदलाव, स्वच्छ ऊर्जा के विकास की जरूरत और जल वितरण से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण पहलू। भारत ने संधि के अनुच्छेद XII (3) के तहत पाकिस्तान को बदलाव के लिए नोटिस जारी किया है। सरकार का कहना है कि कोई भी संधि आपसी विश्वास और भलाई के आधार पर लागू होनी चाहिए, लेकिन पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है।
यह कड़ा कदम 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले के बाद उठाया गया है, जिसमें 25 भारतीय और 1 नेपाली नागरिक की मौत हो गई थी, जबकि कई अन्य घायल हुए थे। इस हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया, जिसके बाद सरकार ने यह कठोर और निर्णायक रुख अपनाया है।