केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह गुरुवार (18 जुलाई, 2024) को नई दिल्ली में नार्को समन्वय केन्द्र (NCORD) की 7वीं शीर्ष स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्री शाह राष्ट्रीय नारकोटिक्स हेल्पलाइन ‘मानस’(MANAS)- मादक पदार्थ निषेध आसूचना केंद्र का शुभारंभ और श्रीनगर में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के क्षेत्रीय कार्यालय का भी उद्घाटन करेंगे। गृह मंत्री एनसीबी की वार्षिक रिपोर्ट 2023 और नशा मुक्त भारत पर विवरण भी प्रस्तुत करेंगे।
क्या है बैठक का उद्देश्य ?
गृह मंत्रालय के अनुसार बैठक का उद्देश्य देश में मादक पदार्थों की तस्करी और दुरुपयोग से निपटने में शामिल विभिन्न केन्द्रीय और राज्य सरकार की एजेंसियों के प्रयासों में समन्वय स्थापित करना है। गृह मंत्रालय ने कहा कि संस्थागत ढांचे को मजबूत करके तथा सभी नार्को एजेंसियों के बीच समन्वय और व्यापक जन-जागरूकता अभियान की तीन सूत्रीय रणनीति को अपनाकर वर्ष 2047 तक नशामुक्त भारत के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकेगा।
ड्रग्स तस्करी के खिलाफ केंद्र सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस नीति’
दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने ड्रग्स तस्करी के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस नीति’ अपनाई है, जिससे ड्रग्स के खतरे को कम किया जा सके। गृह मंत्रालय संस्थागत ढांचे को मजबूत करना, सभी नार्को एजेंसियों के बीच समन्वय और व्यापक जनजागरूकता अभियान की 3 सूत्रीय रणनीति पर चल 2047 तक मोदी जी के नशामुक्त भारत के लक्ष्य को प्राप्त करेगा।
क्या महत्वपूर्ण कदम उठाए गए ?
बता दें, इस रणनीति के तहत चार-स्तरीय प्रणाली के सभी स्तरों पर सभी हितधारकों की नियमित एनसीओआरडी (NCORD) बैठकें, गतिविधियों और बेस्ट प्रैक्टिस को साझा करने के लिए एक समर्पित केंद्रीकृत NCORD पोर्टल की शुरूआत, विशेष बड़े मामलों, जिनका अन्य अपराधों और अंतर्राष्ट्रीय प्रभावों से संबंध है, के संबंध में समन्वय के लिए एक संयुक्त समन्वय समिति का गठन, प्रत्येक राज्य और संघशासित प्रदेश में एक समर्पित एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) का गठन,नशीली दवाओं को नष्ट करने के अभियान को उच्च प्राथमिकता, नार्को अपराधियों के लिए NIDAAN पोर्टल की शुरुआत, नशीली दवाओं का पता लगाने के लिए श्वान(canine) दस्तों का गठन, फोरेंसिक क्षमताओं को मजबूत करना, विशेष NDPS न्यायालयों और फास्ट ट्रैक कोर्टस की स्थापना और नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ जागरूकता पैदा करने के लिए नशामुक्त भारत अभियान (NMBA) जैसे महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।