अमेरिकी हिंदू समूहों ने हडसन नदी पर एक विशाल बैनर फहराया जिसमें बांग्लादेशी हिंदुओं पर हो रहे उत्पीड़न को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग की गई है। 1971 के नरसंहार, जिसे 2022 में अमेरिकी कांग्रेस के प्रस्ताव HR 1430 द्वारा मान्यता दी गई। इसके मुताबिक 1971 में करीब 28 लाख लोगों की हत्याएं और 2 लाख से अधिक हिंदू महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाएं हुईं थी। 1971 लेकर आज तक बांग्लादेश में हिंदू आबादी 20 फीसदी से घटकर 8.9 फीसदी तक रह गई है।
हाल की रिपोर्टों में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर बढ़ती हिंसा,अपहरण, लिंचिंग और करीब 2 लाख हिंदुओं को निशाना बनाकर संपत्ति जब्त करने की घटनाएं सामने आईं हैं, जोकि 1 करोड़ 30 लाख से लेकर 1 करोड़ 50 लाख हिंदुओं के लिए गंभीर खतरे की आशंका पैदा करती है। बांग्लादेश में हाल ही में तख्तापलट के बाद 5 अगस्त, 2024 से लेकर अब तक करीब 250 हमले हुए हैं और 1,000 से अधिक रिपोर्ट दर्ज की गईं हैं।
बांग्लादेशी हिंदू समुदाय के सीतांगशु गुहा, जो कार्यक्रम के आयोजकों में से एक हैं, ने स्थिति की गंभीरता पर जोर देते हुए कहा, “बांग्लादेश में हिंदू विलुप्त होने के कगार पर हैं।” उन्हें उम्मीद है कि यह कार्यक्रम जागरूकता बढ़ाएगा और उग्रवादी इस्लामी ताकतों के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र की कार्रवाई को प्रेरित करेगा। इंटरफेथ ह्यूमन राइट्स गठबंधन के पंकज मेहता ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से बांग्लादेश में 1971 के नरसंहार को आधिकारिक रूप से मान्यता देने का आग्रह किया, जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ा नरसंहार था।
हिंदू समूहों ने अमेरिकियों से की बांग्लादेशी परिधानों का बहिष्कार करने की अपील
गीता संघ के सदस्य सुरजीत चौधरी ने बांग्लादेशी सरकार से हिंदुओं के खिलाफ हिंसा को रोकने और राजनीतिक मतभेदों को लोकतांत्रिक तरीके से हल करने का आह्वान किया। जब तक कि हिंसा बंद न हो जाए अमेरिकियों से बांग्लादेशी परिधानों का बहिष्कार करने का अपील की जा रही है। वॉलमार्ट, एचएंडएम और गैप इंक जैसी प्रमुख कंपनियों से भी शिपमेंट रोकने के लिए अपील की जा रही है। अमेरिका में यहूदी समुदाय ने हिंदू अल्पसंख्यकों के साथ एकजुटता दिखाई है। बता दें कि इस कार्यक्रम को StopHinduGenocide.org पर लाइव-स्ट्रीम किया गया।