सर्दी की शुरुआत होने के साथ ही, राजधानी दिल्ली में हवा जहरीली होती जा रही है। सोमवार को दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक( एक्यूआई ) 310 दर्ज किया गया। बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) की उप समिति ने सोमवार को आपातकालीन बैठक कर स्थिति की समीक्षा की और ग्रेडेड एक्शन प्लान (ग्रैप) के चरण दो की पाबंदियां लगाने की सिफारिश की। यह पाबंदियां मंगलवार सुबह आठ बजे से लागू कर दी जाएंगी। इस संबंध में आयोग ने सभी संबंधित विभागों और संस्थानों को आदेश जारी कर दिया है।
ग्रैप-2 में किन चीजों पर रहेगी पाबंदी?
ग्रैप-2 के तहत 11 पाबंदियां लगाई जा रही हैं जिसके तहत प्राइवेट गाड़ियों के इस्तेमाल को कम करने के लिए पार्किंग फीस में बढ़ोतरी, सीएनजी-इलेक्ट्रिक बसों और मेट्रो की सर्विस को बढ़ाना। इसके साथ प्रदूषण कम हो इसके लिए रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन अपने सोसाइटी में कूड़ा और किसी भी प्रकार की लकड़ी जलाने पर नजर रखे जाना और डीजल जनरेटर पर पाबंदी। इस दौरान केवल नेचुरल गैस, बायो गैस, एलपीजी से चलने वाले जनरेटर ही चला सकते हैं। 800 किलोवॉट से ज्यादा क्षमता वाले जनरेटर को केवल रेट्रोफिटिंग के दौरान ही चलाए जाएंगे। चिन्हित सड़कों डेली बेसिस पर मैकेनिकल/वैक्यूम स्वीपिंग और पानी का छिड़काव आवश्यक है ।
पानी का छिड़काव जरूरी
इसके साथ भारी यातायात गलियारों, संवेदनशील इलाकों में सड़क की धूल को रोकने और निर्दिष्ट लैंडफिल स्थलों पर एकत्रित धूल के उचित निपटान के लिए धूल अवरोधकों (कम से कम हर दूसरे दिन, गैर-पीक घंटों के दौरान) के उपयोग के साथ पानी का छिड़काव जरूरी, सी और डी साइटों पर धूल नियंत्रण उपायों को सख्ती से लागू करने के लिए निरीक्षण तेज करने का निर्देश दिया गया ।
क्या होता है ग्रेप
दिल्ली और उसके आसपास की हवा की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए ग्रेप के चार चरण बनाए गए हैं। इसमें ग्रेप-1 तब लगाया जाता है जब हवा की गुणवत्ता (एक्यूआई) 201 से 300 यानी खराब स्थिति में पहुंच जाती है। ग्रेप-2 को लागू तब किया जाता है जब एक्यूआई 301 से 400 तक पहुंच जाता है। हवा की गुणवत्ता गंभीर रूप से खराब होने (एक्यूआई 401 से 450) पर ग्रेप-3 और एक्यूआई 450 से ज्यादा होने पर ग्रेप-4 लागू किया जाता है। इस दौरान ऐसी चीजों के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाई जाती है जिससे हवा में प्रदूषण न फैले।