आरिफ मोहम्मद खान ने गुरुवार को बिहार के 42वें राज्यपाल के रूप में पद और गोपनियता की शपथ ली। पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश कृष्णन विनोद चंद्रन ने उन्हें शपथ दिलाई। राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, विधानसभा के अध्यक्ष नंद किशोर यादव और दोनों उप मुख्यमंत्री समेत प्रदेश सरकार के अन्य मंत्री शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए।
शपथ ग्रहण समारोह के बाद पत्रकारों से बातचीत में आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि बिहार में काफी प्रतिभा है। बिहार के लोग काफी ऊर्जावान हैं। देश में बिहार के लोगों की बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि बिहार के विकास के लिए जो भी संभव होगा, वह सरकार के साथ मिलकर अवश्य करेंगे। उन्होंने मीडिया से यह भी कहा कि मैं यहां एक सेवक के तौर पर आया हूं।
शपथ ग्रहण से पहले आरिफ मोहम्मद खान ने बांस घाट पर डॉ.राजेंद्र प्रसाद को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर उन्होंने कहा, “ये लोग हैं जिनकी वजह से हम आजाद हुए हैं तो इन्हें याद करना जरूरी है।”
उल्लेखनीय है कि बिहार के 42वें राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान इससे पहले केरल के राज्यपाल थे। जनता पार्टी, लोकदल, बहुजन समाज पार्टी, कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी में भी वह रह चुके हैं।
नीतीश कुमार के साथ केंद्रीय कैबिनेट में मंत्री रहने वाले आरिफ मोहम्मद तब सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने शाहबानो कांड पर कांग्रेस को छोड़ दिया था। बिहार को 26 साल बाद मुस्लिम राज्यपाल मिला है। आरिफ मोहम्मद खान से पहले एआर किदवई 14 अगस्त 1993 से 26 अप्रैल 1998 तक राज्य के राज्यपाल रहे थे।