प्रतिक्रिया | Monday, November 25, 2024

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सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा और आईसीएमआर ने की साझेदारी, सशस्त्र बलों के लिए जैव चिकित्सा अनुसंधान शुरू करना उद्देश्य

सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा (एएफएमएस) ने सहयोगात्मक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए मंगलवार (23 अप्रैल, 2024) को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।

रक्षा मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार आईसीएमआर के स्वास्थ्य अनुसंधान एवं महानिदेशक विभाग के सचिव डॉ. राजीव बहल और सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल दलजीत सिंह ने इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य जैव चिकित्सा अनुसंधान और शैक्षणिक क्षेत्र में सहकारी एवं सहयोगी गतिविधियां संचालित करना है, जिससे देश तथा सशस्त्र बलों के लिए प्रासंगिक बहु-विषयक वैज्ञानिक, तकनीकी व शैक्षिक समस्याओं के समाधान प्राप्त होंगे।

मंत्राालय के अनुसार सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के बीच साझेदारी का उद्देश्य अधिकतम ऊंचाई वाले इलाकों, युद्ध संबंधी क्षति/घायल होने के बाद उत्पन्न तनाव विकार, आकाश में चिकित्सा, संक्रामक रोगों तथा सशस्त्र बल कर्मियों के समक्ष आने वाले अन्य स्वास्थ्य मुद्दों का हल ढूंढना है।

इस समझौता ज्ञापन के तहत विभिन्न संयुक्त शैक्षणिक गतिविधियों की भी योजना बनाई गई है, जिसमें सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा अधिकारियों के लिए आईसीएमआर-एसीएसआईआर पीएचडी कार्यक्रम के अंतर्गत पीएचडी करने हेतु पंजीकरण कराने का अवसर प्रदान करना भी शामिल है।

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आखरी अपडेट: 25th Nov 2024