प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज, 15 जनवरी 2024 को 76वें 'भारतीय सेना दिवस' के मौके पर देश की रक्षा में अपना सर्वोच्च बलिदान करने वाले सैनिकों को याद किया। भारतीय सेना दिवस न केवल हमारे बहादुर सैनिकों का उत्सव है, बल्कि ब्रिटिश शासन से भारत में सत्ता के हस्तांतरण का भी उत्सव है। यही कारण है कि हर साल इसी दिन यह सभी सेना कमान मुख्यालयों में बड़े उत्साह और गर्व के साथ मनाया जाता है। सशक्त, प्रतिबद्ध और शौर्यवान भारतीय सेना ने सदैव राष्ट्र को गौरवान्वित किया है। ऐसे में प्रत्येक भारतीय को अपने वीर सैनिकों की निस्वार्थ सेवा तथा समर्पण पर गर्व करना चाहिए।
पीएम मोदी ने अपने संदेश में क्या कहा ?
राष्ट्र की एकता, अखंडता और अस्मिता की रक्षा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर सैनिकों को नमन करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ''सेना दिवस पर, हम अपने सेना कर्मियों के असाधारण साहस, अटूट प्रतिबद्धता और बलिदान का सम्मान करते हैं। हमारे राष्ट्र की रक्षा और हमारी संप्रभुता को कायम रखने में उनका अथक समर्पण उनकी बहादुरी का प्रमाण है। वे शक्ति और लचीलेपन के स्तंभ हैं।'' इन्हीं शब्दों के साथ पीएम मोदी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक वीडियो भी साझा किया।
थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने दीं शुभकामनाएं
वहीं थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने सोमवार को 76वें सेना दिवस के अवसर पर शुभकामनाएं दी। सैनिकों को अपने संबोधन में जनरल मनोज पांडे ने देश की सेवा में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा, “सेना दिवस 2024 के अवसर पर, मैं भारतीय सेना के सभी रैंकों, नागरिक कर्मचारियों, दिग्गजों और उनके परिवारों को अपनी बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। हम अपने उन साथियों को याद करते हैं और श्रद्धांजलि देते हैं जिन्होंने राष्ट्र सेवा में अपना जीवन लगा दिया। उनका सर्वोच्च बलिदान हमें हमेशा प्रेरित करता रहेगा।''
प्रतिवर्ष 15 जनवरी को मनाते हैं 'भारतीय सेना दिवस'
उल्लेखनीय है कि प्रतिवर्ष हम भारतीय 15 जनवरी को भारतीय सेना दिवस मनाते हैं।भारतीय सेना दिवस उन सभी जवानों और उनकी ओर से दिए गए बलिदान को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है जिन्होंने अपना सर्वस्व भारत मां के श्रीचरणों में न्यौछावर कर दिया है। कहना होगा कि भारतीय सेना दिवस हमारे देश के सशस्त्र बलों में प्रत्येक सैनिक को उनकी निस्वार्थ सेवा के लिए सम्मानित करने के लिए है।
सेना किस प्रकार हमारे लिए सहायक ?
सेना आज ना सिर्फ हमारी रक्षा के लिए सीमाओं पर प्रहरी का किरदार निभाती है बल्कि यही सेना हमारे लिए आंतरिक समस्याओं में भी सहायक सिद्ध होती हैं। बाढ़ आ जाए तो सेना, आतंकियों से लड़ना हो तो सेना, सरकारी कर्मचारी हड़ताल कर दें तो सेना, पुल टूट जाए तो सेना, चुनाव कराने हों तो सेना, तीर्थ यात्राओं की सुरक्षा भी सेना के हवाले है। हमारे जवान जागते हैं तो ही हम चैन से सोते हैं।
कब हुई भारतीय सेना की स्थापना ?
ब्रिटिश शासन के तहत 1 अप्रैल 1895 को आधिकारिक तौर पर भारतीय सेना की स्थापना की गई थी, सेना का नेतृत्व करने वाले पहले भारतीय लेफ्टिनेंट जनरल केएम करियप्पा थे, जिन्हें 15 जनवरी 1949 को इस पद पर नियुक्त किया गया था। तब से, 15 जनवरी भारत के इतिहास के लिए एक महत्वपूर्ण दिन बन गया है क्योंकि यह पहली बार था जब किसी भारतीय सैनिक ने देश की सशस्त्र सेना की कमान संभाली थी। उन्हें जनरल सर फ्रांसिस बुचर से कमान मिली जो भारत के अंतिम ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ थे। हर साल इस दिन देश के पीएम जवानों को बधाई देते हैं और देश की रक्षा और रक्षा के लिए भारतीय सेना के जवानों की तारीफ करते हैं।
फील्ड मार्शल के एम. करियप्पा बने थे स्वतंत्र भारत के पहले भारतीय सेना प्रमुख
इसके इतिहास में जाएं तो 15 अगस्त, 1947 को भारत को अंग्रेजों के 200 साल के शासन से आजादी मिली थी। आजादी की घोषणा के बाद, देश विभाजन, सांप्रदायिक दंगों आदि के बीच काफी उथल-पुथल में चला गया। भारत को अपनी स्वतंत्रता और एक नए देश के रूप में उभरने में 2-3 साल लग गए। जब देश को आजादी मिली तब भी भारतीय सेना की कमान ब्रिटिश जनरल सर फ्रांसिस बुचर के हाथों में थी। ऐसे में जब देश बस गया और शांति बहाल हुई, तो भारत का भी सेना पर नियंत्रण हो गया और ब्रिटिश जनरल ने फील्ड मार्शल के. एम. करियप्पा को कमान सौंप दी। फील्ड मार्शल के. एम. करियप्पा 15 जनवरी 1949 को स्वतंत्र भारत के पहले भारतीय सेना प्रमुख बने थे।
लखनऊ 76वीं सेना दिवस परेड की करेगा मेजबानी
उल्लेखनीय है कि भारतीय सेना का 76वां सेना दिवस उत्तर प्रदेश की राजधानी, लखनऊ में आयोजित किया जा रहा है। यह दूसरा अवसर है जब यह आयोजन राष्ट्रीय राजधानी से बाहर हो रहा है। वर्ष 1949 से 2022 तक, दिल्ली छावनी के करियप्पा परेड ग्राउंड में सेना दिवस परेड का आयोजन किया जाता रहा है। इस दिन थल सेनाध्यक्ष मार्चिंग टुकड़ियों की समीक्षा करते हैं जो हर साल गणतंत्र दिवस परेड में भी भाग लेती हैं। उत्तर प्रदेश की राजधानी, लखनऊ भारतीय सेना के 76वें सेना दिवस के उपलक्ष्य में आज एक शानदार परेड की मेजबानी कर रही है। पिछले वर्ष परेड बेंगलुरु के एमईडी एंड सेंटर के परेड ग्राउंड में आयोजित की गई थी।
बताना चाहेंगे, 76वीं सेना दिवस परेड में इस बार भारतीय सेना की मध्य कमान, जिसे सूर्या कमान के नाम से भी जाना जाता है, परेड का संचालन करेगी जिसमें गढ़वाल राइफल्स, जाट रेजिमेंट, बंगाल इंजीनियर्स, सिख लाइट इन्फैंट्री, आर्मी एयर डिफेंस और पैराट्रूपर्स सहित कुछ बेहतरीन रेजिमेंटों के मार्चिंग दल शामिल होंगे। समारोह के हिस्से के रूप में, सूर्य खेल परिसर में एक सैन्य प्रदर्शन “शौर्य संध्या” आयोजित किया जाएगा। रक्षा पीआरओ कार्यालय ने कहा, “नो योर आर्मी फेस्टिवल, मिलिट्री बैंड कॉन्सर्ट, रक्तदान शिविर और वृक्षारोपण अभियान जैसी विभिन्न गतिविधियाँ भी सूर्या कमांड में आयोजित की जा रही हैं।”