आर्मी मेडिकल कोर ने 3 अप्रैल को अपना 260वां संस्थापना दिवस मनाया। कार्यक्रम के दौरान सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं की विशिष्ट उपलब्धि का समारोह मनाने वाला वीडियो भी प्रदर्शित किया गया जिसमें एएफएमएस तथा सिविल एवं सेना के 700 से अधिक पूर्व सैनिकों और गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।
बता दें कि वर्ष 1764 में संस्थापित आर्मी मेडिकल कोर ने युद्ध और शांति दोनों ही समय में सदियों से प्रगति, विकास, समर्पण और बलिदान के माध्यम से राष्ट्र को निस्वार्थ सेवा प्रदान की है और कोर के आदर्श वाक्य ‘सर्वे सन्तु निरामया’ जिसका अर्थ है ‘सभी रोगमुक्त हों’ की कसौटी पर खरा उतरा है।
आज जारी एक बयान में रक्षा मंत्रालय ने बताया कि युद्ध के समय चिकित्सा देखभाल को अधिकतम बनाने तथा उत्कृष्ट अत्याधुनिक शांति काल चिकित्सा देखभाल को बढ़ाने के अपने प्रयास में एएमसी ने अपने 260वें संस्थापना वर्ष में कर्तव्य पथ से आगे बढ़ कर व्यावसायिकता, साहस और करुणा के क्षेत्र में एक उच्च मानक स्थापित किया है। AMC ‘स्वस्थ भारत, विकसित भारत’ के अंतिम लक्ष्य की दिशा में निरंतर आगे बढ़ता रहा है।
थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लिया जिसका आयोजन संस्थापना दिवस को चिन्हित करने, उपलब्धियों को सम्मानित करने तथा एएमसी के एस्प्रिट – डी – कोर का समारोह मनाने के लिए किया गया था। कार्यक्रम के दौरान सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं की विशिष्ट उपलब्धि का समारोह मनाने वाला वीडियो भी प्रदर्शित किया गया। इस वीडियो में एएफएमएस तथा सिविल एवं सेना के 700 से अधिक पूर्व सैनिकों और गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।
दरअसल एएमसी संस्थापना दिवस आर्मी मेडिकल कोर के उन हजारों अधिकारियों, जेसीओ और अन्य रैंकों के योगदान का समारोह मनाता है, जो सशस्त्र बल कर्मियों, परिवारों और पूर्व सैनिकों के जीवन को प्रभावित करने में सफल रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र शांति वाहिनी मिशनों और विदेशी भूमि पर एचएडीआर कार्यकलापों के हिस्से के रूप में, गौरतलब है कि कोर ने चिकित्सा देखभाल के प्रत्येक क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।