केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव 20 जनवरी से स्विट्जरलैंड के दावोस में शुरू होने वाले वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) 2025 में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। यह आयोजन भारत के समावेशी विकास और डिजिटल परिवर्तन को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। दावोस रवाना होने से पहले अश्विनी वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने समाज के हर वर्ग, विशेष रूप से वंचित समुदायों के जीवन में बड़ा बदलाव लाने का प्रयास किया है।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने समावेशी विकास पर जोर दिया है जो समाज के सबसे निचले तबके के लोगों तक भी पहुंचे। बैंक खातों के जरिए वित्तीय समावेशन, शौचालय, गैस कनेक्शन, नल का पानी और ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे में सुधार जैसी योजनाएं दुनिया का ध्यान आकर्षित कर रही हैं।”
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में समावेशी विकास, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश और प्रौद्योगिकी के लोकतंत्रीकरण पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा, “दुनिया भारत की आर्थिक नीतियों, डिजिटल इंडिया कार्यक्रम और टेक्नोलॉजी के माध्यम से समाज के सभी वर्गों को सशक्त बनाने की हमारी पहल को समझने के लिए उत्सुक है।”
डिजिटल इंडिया अभियान के तहत भारत ने जिस तरह से डिजिटल परिवर्तन किया है, वह दुनिया के लिए एक मिसाल बन गया है। इसके जरिए सेवाओं को आसान और पारदर्शी बनाया गया है। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम 2025 में 130 से अधिक देशों के लगभग 3,000 वैश्विक नेता हिस्सा लेंगे। इस बार भारत की ओर से पांच केंद्रीय मंत्री, तीन मुख्यमंत्री और अन्य राज्यों के कई मंत्री इसमें शामिल होंगे।
यह पांच दिवसीय बैठक आर्थिक विकास को तेज करने, नई तकनीकों का इस्तेमाल बढ़ाने और सामाजिक और आर्थिक स्थिरता को मजबूत करने जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर केंद्रित होगी। भारत की भागीदारी का उद्देश्य वैश्विक साझेदारी को मजबूत करना, अधिक निवेश आकर्षित करना और भारत को टिकाऊ विकास और तकनीकी नवाचार में एक अग्रणी देश के रूप में स्थापित करना है।