उमरांग्सू कोयला खदान में फंसे खनिकों की तलाशी अभियान शनिवार को छठे दिन में प्रवेश कर गया। प्रथम बटालियन एनडीआरएफ के गोताखोरों ने आज सुबह लगभग 7.35 बजे के आसपास एक और खनिक का शव खदान से बाहर निकाला। शव की पहचान लिगेन मगर (27, उमरांग्सू, डिमा हसाओ) के रूप में की गयी है। एनडीआरएफ ने शव को कानूनी कार्रवाई के लिए स्थानीय पुलिस को सौंप दिया है।
ऑपरेशन आज सुबह फिर से शुरू किया गया
उल्लेखनीय है कि हादसे के तीसरे दिन एक खनिक का शव मिलने के बाद आज छठे दिन दूसरा शव बरामद हुआ है। अभियान को बीती रात प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा रोक दिया गया था। ऑपरेशन आज सुबह फिर से शुरू किया गया। एनडीआरएफ की टीम ने रात के लिए ऑपरेशन स्थल पर ही ठहराव किया है।
कोयला खदान में अचानक पानी भर जाने के कारण हुआ हादसा
उल्लेखनीय है कि 6 जनवरी को राज्य के पहाड़ी जिला डिमा हसाओ के उमरांग्सू से 25 किमी दूर असम-मेघालय के सीमा से 3 किलो मीटर दूर स्थित 200 फुट गहरी कोयला खदान में अचानक पानी भर जाने के कारण खदान में काम कर रहे श्रमिक फंस गए। इन खनिकों के लिए 7 जनवरी से बचाव अभियान शुरू करते हुए इंडियन आर्मी और नेवी के गोताखोर खदान के अंदर गए। 8 जनवरी को एक खनिक का शव बरामद किया गया लेकिन 9 और 10 जनवरी को अभियान के दौरान कोई सफलता नहीं मिली।
पानी निकालने के लिए पांच पंप लगाए गए हैं
खनिकों की तलाश में एनडीआरएफ, सेना, एसडीआरएफ, ओएनजीसी, कोल इंडिया और फायर एंड इमरजेंसी सर्विस की टीमें जुटी हुई हैं। गोताखोरों के अनुमान से अधिक पानी के कारण खदान से पानी निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं। पानी निकालने के लिए पांच पंप लगाए गए हैं। जिससे कुल पानी का डिस्चार्ज 1,93,600 लीटर प्रति घंटा किया जा रहा है। खदान के पानी के नमूनों में भारी धातुओं (आर्सेनिक, पारा, मैंगनीज, निकेल, सीसा, तांबा, और लोहा) की जांच पीएचई विभाग, गुवाहाटी द्वारा पूरी कर ली गई है। (इनपुट-हिन्दुस्थान समाचार)