देश में बिजली की अत्यधिक मांग के बावजूद थर्मल पावर प्लांट में कोयले का भंडार 45 मीट्रिक टन से अधिक है। कोयले का भंडार पिछले वर्ष की तुलना में 30 फीसदी ज्यादा है। कोयला मंत्रालय ने आज शनिवार को बताया कि बिजली की अत्यधिक मांग को पूरा करने के लिए थर्मल पावर प्लांट में कोयले का भंडार 45 मीट्रिक टन से अधिक है।
ये भंडार पिछले वर्ष की तुलना में 30 फीसदी ज्यादा है, जो 19 दिनों की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। मई में थर्मल पावर प्लांट में औसत दैनिक कमी केवल 10 हजार टन प्रति दिन थी। पिछले वर्ष कोयला उत्पादन में 8 फीसदी से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है। खदान के पिट-हेड पर स्टॉक 100 मीट्रिक टन से अधिक है। इससे बिजली क्षेत्र को पर्याप्त कोयला मिलता है।
मंत्रालय ने मानसून के दौरान ताप बिजली संयंत्रों में कोयले की पर्याप्त उपलब्धता को सुनिश्चित करने की व्यवस्था की है। कोयला मंत्रालय ने कहा है कि पहली जुलाई से थर्मल पावर प्लांट के पास 42 मीट्रिक टन से अधिक कोयला उपलब्ध रहने की उम्मीद जताई है।
कोयले की आपूर्ति के लिए सुचारू और पर्याप्त रसद व्यवस्था सुनिश्चित करके इसे संभव बनाया गया है। विद्युत मंत्रालय, कोयला मंत्रालय, रेल मंत्रालय और बिजली उत्पादन कंपनियों के प्रतिनिधियों से युक्त उप-समूह का तंत्र कुशल आपूर्ति शृंखला को बनाए रखने में प्रभावी भूमिका निभा रहा है।