महाराष्ट्र के बदलापुर के आदर्श विद्यामंदिर स्कूल में नाबालिग बच्चियों के साथ हुए यौन शोषण के मामले का बॉम्बे हाई कोर्ट ने गुरुवार (22, अगस्त) को स्वतः संज्ञान लिया है। जस्टिस रेवती डेरे और जस्टिस पीके चव्हाण की पीठ ने आज सुनवाई के दौरान पुलिस को फटकार लगाई है। बेंच ने महाराष्ट्र पुलिस से कहा कि मामले कि सूचना मिलते ही कारवाई होनी चाहिए थी। इस मामले की एफआईआर दर्ज करने में बहुत देर हुई है। बदलापुर में जन आंदोलन के बाद ही पुलिस ने क्यों कार्रवाई की।
अदालत ने पुलिस को चेताया कि अगर आप किसी भी तरह से मामले को दबाने की कोशिश करेंगे तो हम कार्रवाई करने से नहीं हिचकेंगे। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि हमें यहां सभी दस्तावेज की जरूरत है। इस दौरान राज्य सरकार ने हाई कोर्ट को बताया कि बदलापुर यौन उत्पीड़न मामले में संबंधित स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अदालत ने राज्य सरकार की ओर से पैरवी करने वाले महाधिवक्ता बीरेंद्र सराफ पर सवालों की झड़ी लगाई।
कोर्ट ने पूछा कि स्पेशल टीम को जांच सौंपने से पहले बदलापुर पुलिस ने क्या किया..? उसके दस्तावेज़ कहां हैं..? कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि क्या उन्होंने प्रभावित लड़कियों की काउंसलिंग की? इस पर राज्य सरकार के वकीलों ने कोर्ट को बताया कि एक पीड़ित लड़की की काउंसलिंग हो चुकी है और दूसरी लड़की की काउंसलिंग चल रही है।
पुलिस ने कोर्ट को बताया कि बदलापुर के आदर्श विद्यामंदिर स्कूल में घटना 12 और 13 अगस्त को हुई और माता-पिता 16 अगस्त को थाने आए। इस मामले में कल 21 अगस्त को एसआईटी का गठन किया गया है। बदलापुर थाने के 2 अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। महाधिवक्ता बीरेंद्र सराफ ने अदालत को बताया कि घटना को छिपाने के लिए स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। इसके बाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को इस संबंध में विस्तृत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। बता दें कि इस मामले की अगली सुनवाई 27 अगस्त को दोपहर 2.30 बजे होगी।