बांग्लादेश की अंतिम सरकार ने एक अहम फैसले में विभिन्न देशों से अपने पांच राजनयिकों को तुरंत ढाका लौटने को कहा है। इन राजनियकों में भारत में बांग्लादेश के उच्चायुक्त मुस्तफिरजुर रहमान भी शामिल हैं, जो अगले कुछ माह बाद रिटायर होने वाले हैं। वापस बुलाए गए राजनयिकों का काम संतोषजनक नहीं माना गया है।
भारत-बांग्लादेश के संबंधों की मजबूती में मुस्तफिरजुर रहमान की भूमिका अहम
बांग्लादेश विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी आदेश के मुताबिक भारत में बांग्लादेश के उच्चायुक्त के साथ-साथ न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र के स्थायी प्रतिनिधि और ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम और पुर्तगाल के राजदूतों को भी वापस बुलाया गया है। जुलाई 2022 में मुस्तफिजुर रहमान भारत के लिए बांग्लादेश के उच्चायुक्त नियुक्त किए गए थे। दोनों देशों के संबंधों की मजबूती में उनकी खासी भूमिका मानी जाती है। भारत के हाई कमिश्नर नियुक्त किए जाने से पहले मुस्तफिजुर रहमान जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र के स्थायी प्रतिनिधि और स्विट्जरलैंड और सिंगापुर में बांग्लादेश के राजदूत रह चुके हैं।
भारत के संदर्भ में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का यह फैसला इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इस समय भारत-बांग्लादेश संबंधों में कड़वाहट महसूस की जा रही है। 5 अगस्त को शेख हसीना सरकार के तख्तापलट, भारत में हसीना को शरण और उसके बाद हिंदुओं सहित देश के अल्पसंख्यकों पर जिस तरह हमले हुए उससे दोनों देशों के संबंध निचले स्तर पर पहुंच गए हैं। हालांकि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने पिछले महीने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच बैठक की कोशिश की। लेकिन भारतीय पक्ष इस बैठक को लेकर अनिच्छुक था, जिससे बैठक नहीं हुईं।