केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि झारखंड पलायन, अराजकता, भ्रष्टाचार का दंश झेल रहा है। इसलिए राज्य से पलायन को रोकना सबसे बड़ी चुनौती है। इस पर रोक तभी संभव होगी, जब हम यहां की कानून व्यवस्था को ठीक करेंगे। हमें अपने बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी ध्यान देने की जरुरत है। बिजली व पानी तो हमारी जरुरत है ही। इसके अलावा बेहतर अस्पताल पर भी ध्यान देना होगा। इसलिए इस बार देश के हित व भलाई को ध्यान में रखकर वोट करें।
केन्द्रीय मंत्री सीतारमण गुरुवार को रांची के एक होटल में “इस्टर्न इंडिया – विकसित भारत के लिए विकास का इंजन” विषय पर आयोजित गोष्ठी को संबोधित कर रही थीं। कार्यक्रम का आयोजन झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने किया था। उन्होंने राज्य के केवल मिनरल्स पर निर्भर होने से बचने पर जोर दिया और कहा कि हमें अन्य संसाधनों को भी विकसित करना होगा। उन्होंने कहा कि बेहतर झारखंड के लिए बेहतर लोगों को सदन में चुनकर भेजने की जरुरत है।
निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार पर झारखंड के साथ सौतेला व्यवहार के लगे आरोप को खारिज करते हुए कहा कि पिछले 10 वर्ष में इस राज्य में रेलवे सहित विभिन्न मदों में चल रहे प्रोजेक्ट के लिए बड़े पैमाने पर राशि स्वीकृत की गई है। उन्होंने कहा कि झारखंड को 2024-25 के बजट में रेल परियोजनाओं के लिए रिकॉर्ड 7,200 करोड़ आवंटित किये गये। यूपीए सरकार ने सिर्फ 495 करोड़ का प्रावधान रखा था। देशभर में 112 आकांक्षी जिले में बिहार, झारखंड और ओडिशा में 42 आकांक्षी जिले हैं, जिस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विशेष निर्देश पर विकास कार्य हो रहा है, जिससे उन जिलों का आर्थिक विकास हो सके और पिछड़ापन दूर हो।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने एनसीआरबी के आंकड़े का जिक्र करते हुए कहा कि पहले झारखंड ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के मामले में टॉप पांच में था। आज झारखंड इस मामले में कहां है, किसी को नहीं पता। एनसीआरबी का आंकड़ा कहता है कि आज झारखंड क्राइम के मामले में पूरे देश में नंबर वन पर है, जिसे हमें बदलने की जरूरत है। कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और चैंबर के सदस्य भी मौजूद थे।
(इनपुट- हिन्दुस्थान समाचार)