देश की सभी ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए भारतनेट परियोजना को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है। इसके अलावा सरकार ने भारतनेट चरण- I और चरण- II के मौजूदा नेटवर्क के उन्नयन, शेष ग्राम पंचायतों में नेटवर्क के निर्माण के लिए संशोधित भारतनेट कार्यक्रम (एबीपी) को मंजूरी दी है।
संचार एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासनी चंद्रशेखर ने बताया कि यह कार्यक्रम मांग के आधार पर शेष गैर-ग्राम पंचायतों वाले गांवों (लगभग 3.8 लाख) को ऑप्टिकल फाइबर (ओएफ) कनेक्टिविटी भी प्रदान करता है। कई ग्राम पंचायतों में स्थापित उपकरणों द्वारा वाई-फाई सेवा का समर्थन किया जाता है।
भारत 6जी एलायंस
एक अन्य सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने बताया कि भारत 6जी एलायंस ने कार्य समूहों में से एक के रूप में “हरित और स्थिरता” समूह का गठन किया है। इस कार्य समूह ने टिकाऊ और हरित 6जी को आगे बढ़ाने के लिए एक रूपरेखा की सिफारिश की है।
यह रूपरेखा विशेष रूप से भारतीय दूरसंचार क्षेत्र के लिए तैयार की गई है, जिसका उद्देश्य इस उद्योग के हर पहलू में स्थिरता लाना है। इस रूपरेखा में पांच प्रमुख चालक यानी एकीकृत टिकाऊ शासन, हरित नेटवर्क अवसंरचना, परिपत्र अर्थव्यवस्था एवं ई-कचरा प्रबंधन, नवाचार एवं क्षमता निर्माण और नीति वकालत एवं सहयोगात्मक शासन शामिल हैं, ताकि सामूहिक रूप से टिकाऊ परिपाटी को नियंत्रित किया जा सके और उन्हें बढ़ावा दिया जा सके।
दूरसंचार और नेटवर्किंग उत्पादों के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना
एक अन्य सवाल के जवाब में मंत्री ने बताया कि दूरसंचार उत्पादों के विनिर्माण को बढ़ावा देने और आयात पर निर्भरता को कम करने के लिए, दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने 24 फरवरी 2021 के राजपत्र अधिसूचना संख्या 13-01/2020-आईसी के माध्यम से दूरसंचार और नेटवर्किंग उत्पादों के लिए उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) को अधिसूचित किया है।
उन्होंने बताया कि इस अधिसूचना में विस्तृत प्रोत्साहन संरचना और पात्रता मानदंड निर्धारित किए गए हैं। अधिसूचना https://dot.gov.in/pli-scheme पर उपलब्ध है। इस योजना के दिशा-निर्देशों में जून 2022 में संशोधन किया गया, जिसमें भारत में डिजाइन, विकसित और निर्मित उत्पादों के लिए 1 प्रतिशत अतिरिक्त प्रोत्साहन की पेशकश की गई।
दूरसंचार और नेटवर्किंग उत्पादों के लिए पीएलआई योजना के तहत कुल 42 लाभार्थियों को मंजूरी दी गई है। 31 अक्टूबर 2024 तक, एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों) और गैर-एमएसएमई द्वारा किए गए वास्तविक निवेश और प्रतिबद्ध निवेश का विवरण इस प्रकार है:
(राशि करोड़ रुपये में)
वर्ग प्रतिबद्ध निवेश वास्तविक निवेश एमएसएमई 644 369
गैर एमएसएमई 3,370 3,629
कुल (लगभग) 4,014 3,998